हरियाणा के हिसार में एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ने एक 9 साल के दलित छात्र की पिटाई कर दी है। परिजनों ने प्रिंसिपल के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने दोषी प्रिंसिपल पर एससी – एसटी अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
हिसार। हरियाणा में सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल के ऐसी क्रूरता सामने आई है जिसकी हकीकत सुनकर हर कोई शिक्षक को कोसने पर मजबूर है। मामला ये है कि सरकारी स्कूल के एक प्रिंसिपल ने 9 साल के दलित बच्चे की बेरहमी से पिटाई की है। बच्चे का कसूर सिर्फ इतना था कि उससे प्रिंसिपल ने एक सवाल पूछा था, जिसका जवाब उसे नहीं आया ,इसको लेकर टीचर ने उसकी पिटाई कर दी। बाद में परिजनों ने प्रिंसिपल कि शिकायत आजाद नगर पुलिस थाने में दर्ज कराई। पुलिस ने दोषी प्रिंसिपल पर एससी – एसटी अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।मामला हिसार जिले का है।
शिकायतकर्ता ने हिसार पुलिस को बताया कि उनका 9 साल का लड़का आर्य नगर के सरकारी स्कूल में तीसरी कक्षा में पढ़ता है। सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल मनोज कुमार ने 23 अगस्त को दोपहर करीब डेढ़ बजे प्राइमरी स्कूल के बच्चों को पढ़ाते हुए उनसे सवाल जवाब किए। जब उनके बेटे से प्रश्न पूछा गया तो वह जवाब नहीं दे पाया । जिसके बाद प्रिंसिपल ने गुस्से में आकर उसकी जमकर पिटाई की , जिसके कारण बच्चे के निजी अंगों पर भी चोटें आईं।
इसके बाद स्कूल से किसी ने बच्चे के परिजनों को सुचना दी कि प्रिंसिपल ने उनके बच्चे को बुरी तरह पीटा है। सूचना मिलते ही परिजन स्कूल पहुंचे और बच्चे को पास के ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए जहां से उसे सरकारी अस्पताल हिसार रेफर कर दिया गया। वहीं बच्चे ने उन्हें बताया कि उसके पेशाब में खून भी आया है।
जानकारी के अनुसार प्रिंसिपल ने पहले भी एक दलित छात्रा की पिटाई कि है, लेकिन गरीब होने के कारण उन्होंने पुलिस को इसकी शिकायत नहीं दी।
वहीं पुलिस अधिकारी ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद हमने फआईआर दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है। अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। लेकिन जांच जारी है।
ठीक ऐसा ही मामला 17 अगस्त को सामने आया था, जहां एक 12 वर्षीय लड़के को उसके स्कूल शिक्षक ने कथित तौर पर थप्पड़ मार दिया था क्योंकि वह अपनी हिंदी पाठ्यपुस्तक अपने साथ लाना भूल गया था। शिक्षक ने उसे इतनी बुरी तरह पीटा के कक्षा 6 के छात्र को इलाज के लिए गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भी भर्ती कराना पड़ा था, जिसके बाद उसकी हालत नाजुक बताई जा रही थी।