कुरुक्षेत्र अंतराष्ट्रीय गीता महोत्सव में इस बार पर्यटक हरियाणा संस्कृति से रूबरू होंगे। इसी के तहत मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि कुरुक्षेत्र के पावन ब्रहासरोवर के तट पर 7 दिसम्बर को शिल्प एवं सरस मेले से अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव शुरु होगा। इसमें लोगों को एक बार फिर से राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकारों एवं शिल्पकारों का संगम देखने का अवसर मिलेगा। महोत्सव में हरियाणा के लोकनृत्य, शिल्प, लघुउद्योग, खान-पान इत्यादि से सम्बन्धित हरियाणा पैवेलियन लगेगा, जिससे महोत्सव में आने वाले पर्यटक एवं तीर्थयात्री हरियाणा की संस्कृति से रूबरू हो सकेंगे। हरियाणा के विकास एवं उन्नति विषयक प्रदर्शनियां भी विभिन्न विभागों द्वारा इस अवसर पर लगाई जा रही हैं, जिससे लोगों को सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं और क्षेत्र विशेष में हुए विकास की जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि 22 और 23 दिसंबर को 2 दिन हर जिले में गीता उत्सव के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि देश के कौने-कौने से आने वाले आगंतुकों को महोत्सव में अधिक समय व्यतीत करने को मिले, इसलिए इस बार 18 दिन तक इस महोत्सव का आयोजन किया जाएगा, जबकि पिछले साल 16 दिन तक चला था। प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर 17 से 24 दिसम्बर तक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने का कि इस महोत्सव में भारतीय सांस्कृतिक सम्बद्ध परिषद (आईसीसीआर) की भागीदारी भी होगी। पूरे विश्व में भारतीय सांस्कृति सम्बद्ध परिषद के सभी 37 केन्द्रों पर ऑनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा तथा विजेताओं को महोत्सव के दौरान कुरुक्षेत्र में आमंत्रित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 7 दिसम्बर से 24 दिसम्बर, 2023 तक ब्रह्म सरोवर के पावन तट पर भजन संध्या और उसके पश्चात भव्य गीता आरती का आयोजन किया जाएगा। यह आरती देश के अन्य तीर्थों पर संध्याकाल को होने वाली भव्य आरती के ही समान है। निश्चय ही इस आरती के आयोजन से कुरुक्षेत्र के तीर्थयात्रा पर्यटन को नए आयाम मिलेंगे। उन्होंने कहा कि 22 दिसम्बर को महोत्सव के दौरान पुरुषोत्तमपुरा बाग में सन्त सम्मेलन का आयोजन होगा, जिसमें देश के प्रख्यात सन्त मिलकर गीता एवं अध्यात्म विषय पर चर्चा करेंगे। सन्तों का यह मिलन इस समारोह की गरिमा को एक नया स्वरूप प्रदान करेगा।