देखिये एक नेता की कहानी में आज राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा की कहानी के बारे में।आपको बता दें कि दीपेंद्र सिंह हुड्डा का जन्म 4 जनवरी 1978 को हुआ था। वह हरियाणा से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं। इससे पहले वे तीन बार रोहतक लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं। अपने 15 वर्षों के कार्यकाल में उन्होंने इस क्षेत्र में अनेक विकास कार्य करवाए। हुड्डा की प्रमुख उपलब्धियों की बात करें तो, IIT कैंपस का विस्तार करवाने के साथ साथ उन्होंने रोहतक में IIM व झज्जर में भारत के सबसे बड़े कैंसर संस्थान के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया और लगभग 5,500 एकड़ में IMT की स्थापना करवाई, जिसमें Maruti Suzuki, Asian Paints, अमूल मिल्क और Suzuki Motorcycles जैसी बड़ी कंपनियां हैं, जिन्होंने करीब 5,000 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित किया है। दीपेन्द्र हुड्डा ने अपने लोकसभा क्षेत्र में FDDI और IHM को स्थापित करवाने में भी केंद्रीय भूमिका निभाई है।
दीपेंद्र हुड्डा अपने परिवार की चौथी पीढ़ी के नुमाइंदे हैं, जो सार्वजनिक सेवा में रही है। उनके पिता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने सांसद रहने के अलावा, दो कार्यकालों तक हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया, जबकि उनके दादा स्वतंत्रता सेनानी, रणबीर सिंह हुड्डा संविधान सभा के सदस्य और रोहतक के पहले व दूसरे लोकसभा सांसद रहे। उनके परदादा चौधरी मातूराम उत्तर भारत में आर्यसमाज के प्रभावशाली नेता थे।
2005 में राजनीति में प्रवेश करते समय दीपेन्द्र हुड्डा सबसे युवा सांसद थे। उनकी लोकप्रियता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके बाद वे लगातार 2009 व 2014 में भी सांसद चुने गए। सांसद रहते हुए वे न केवल विभिन्न स्थाई और संसदीय समितियों के सदस्य रहे, बल्कि लोकसभा में कांग्रेस के व्हिप भी रहे। सन 2020 में वे राज्यसभा के लिए चुने गए।
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बीटेक, एमबीए, और कानून की डिग्री हासिल करने वाले दीपेंद्र हुड्डा ने राजनीति में प्रवेश करने से पहले भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका में विभिन्न कंपनियों में काम किया। Technical institute ऑफ टेक्सटाइल एंड साइंसेस से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद दीपेंदर ने केली स्कूल ऑफ बिजनेस, इंडियाना यूनिवर्सिटी से फाइनेंस एन्ड स्ट्रैटेजी में एमबीए की। इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की।
दीपेंदर ने अपने प्रोफेशनल करियर की शुरुआत रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड में की और फिर इंफोसिस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड में सॉफ़्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम किया। वे अमेरिकन एयरलाइंस/सेबर होल्डिंग्स में सीनियर मैनेजर के रूप में भी कार्यरत रहे।
2010 में ग्रामीण विकास के क्षेत्र में सांसद के रूप में किए गए उनके कार्यों के लिए एमआईटी के भारत अस्मिता जन प्रतिनिधि श्रेष्ठ पुरस्कार से नवाज़ा गया, जबकि 2011 में वे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के यंग ग्लोबल लीडर अवार्ड के लिए नामित हुए। 2019 दीपेंदर हुड्डा सर्वश्रेष्ठ सांसद चुने गए।
दीपेंद्र हुड्डा ने स्वेता मिर्धा से विवाह किया है, जो वरिष्ठ कांग्रेस नेता नाथुराम मिर्धा की पोती हैं। उनका एक छोटा सा बेटा है, जिसका नाम केसरबीर है।
बेहद संयमित और समर्पित जीवन चरित्र के धनी दीपेंद्र सिंह हुड्डा की सफलता की कहानी निश्चित तौर पर प्रेरणादायी है, जो न केवल राजनीति में, बल्कि प्रबंधन और शिक्षा के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए भी, ख़ास पहचान बना चुके हैं।