हरियाणा। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने आज महिला आरक्षण बिल के संबंध में कांग्रेस के नेताओं पर तंज कसा है। विपक्षी राजनीतिक पार्टियां इस बिल पर क्रेडिट लेने की होड़ में जुटी हुई है। जहां एक तरफ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बिल का समर्थन करते हुए कहा कि स्त्री की भागीदारी तय करने वाले संविधान संशोधन मेरे जीवान साथी राजीव गांधी ही लेकर आए थे। वहीं दूसरी तरफ इसके पलटफेर में अनिल विज ने तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि उन्हें अपने पदों से त्यागपत्र देकर भाजपा को और मजबूत करने में लग जाए।
आपको बता दें की नई संसद में सरकार ने लोकसभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पेश किया। इस कानून के बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी। इसके पारित होने के बाद विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी। महिलाओं की आरक्षित सीट में भी अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण होगा।
अब अन्य राजनीतिक पार्टियां इस बिल पर क्रेडिट लेने की होड़ में जुटी हुई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बिल का समर्थन करते हुए कहा कि स्त्री की भागीदारी तय करने वाले संविधान संशोधन मेरे जीवान साथी राजीव गांधी ही लेकर आए थे। बाद में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में कांग्रेस ने उसे पारित कराया था।
सोनिया गांधी के इस बयान के बाद हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज का बयान सामने आया है। गृह मंत्री अनिल विज ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के संबंध में कांग्रेस के नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस ने देश पर 49 वर्ष तक राज किया अपने राज में यह पूरा क्यों नहीं किया। अगर तुम्हारी (कांग्रेस) मांगे तुम्हारे राज में पूरी न होकर भाजपा के राज में ही पूरी होनी है तो फिर अपने-अपने पदों से त्यागपत्र देकर भाजपा को ओर मजबूत करने में लग जाए।
गृहमंत्री अनिल विज ने बुधवार 20 सितंबर को सोनिआ गाँधी पर तंज कसते हुए अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल पर लिखा, नारी शक्ति वंदन विधेयक पर कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि यह तो कांग्रेस की सोच थी या कांग्रेस की मांग थी अगर यह कांग्रेस की सोच थी तो तुमने देश पर 49 वर्ष तक राज किया तुमने अपने राज में पूरी क्यों नहीं की और अगर तुम्हारी मांगे तुम्हारा राज में पूरी न होकर भाजपा के राज में ही पूरी होनी है तो फिर अपने अपने पदों से त्यागपत्र देकर भाजपा को और मजबूत करने में लग जाए।
दरअसल, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने संसद में कहा कि, यह मेरी जिंदगी का मार्मिक क्षण है, पहली बार स्थानीय निकायों में स्त्री की भागीदारी तय करने वाला संविधान संशोधन मेरे जीवन साथी राजीव गांधी ही लेकर आए थे। बाद में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में कांग्रेस ने उसे पारित कराया था। आज उसका नतीजा है कि आज देश भर के स्थानीय निकायों में हमारे पास 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं। राजीव गांधी का सपना अभी तक आधा ही पूरा हुआ है, इस बिल के पारित होने के साथ वह पूरा होगा। कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है…मैं एक सवाल पूछना चाहती हूं देश की स्त्रियां अपनी राजनीतिक जिम्मेदारी का इंतजार कर रही हैं लेकिन अभी भी इसके लिए उन्हें कितने वर्ष इंतज़ार करना होगा?