15 नवंबर, रोहतकः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में हरियाणा की खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर खुशी का इजहार किया है। हुड्डा ने कहा कि पदक विजेता स्वीटी बूरा, परवीन, मीनाक्षी और प्रीति ने अपने देश व प्रदेश का लोहा पूरी दुनिया में मनावाया है। हरियाणा की बेटियों ने फिर साबित कर दिया कि म्हारी छोरियां छोरों से कम नहीं हैं। हुड्डा आज स्वीटी बूरा के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने पहुंचे थे।
इस मौके पर उन्होंने स्वीटी बूरा को उनकी उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि खेल और शिक्षा किसी भी देश व प्रदेश की प्रगति के पैमाने होते हैं। युवा खेल व शिक्षा में जितने अव्वल होंगे, वह क्षेत्र उतना ही उन्नत होगा। खेल एक सशक्त युवा और जिम्मेदार नागरिक बनने की गारंटी है।
हरियाणा आबादी और क्षेत्रफल के हिसाब से देश का छोटा सा राज्य है। लेकिन जब किसान, जवान और खिलाड़ी की बात आती है तो यह सबसे बड़ा राज्य बनकर उभरता है। हरियाणा में जब कांग्रेस सरकार थी तो उसने प्रदेश की इस बात प्रतिभा को बखूबी समझा था। सरकार ने देखा कि हरियाणा के युवा में पूरी दुनिया को पटकनी देने की ताकत और जज्बा है। इसलिए कांग्रेस ने खेलों के ऊपर बहुत ध्यान दिया।
हुड्डा ने बताया कि उनकी सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए गांव-गांव में स्टेडियम बनाए, स्कूल लेवल पर खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए स्पेट जैसी प्रतियोगिताएं शुरू की और प्रतिभावान खिलाड़ियों को डाइट, भत्ते और कोचिंग देना शुरू किया। खेलों में अपने आप को पूरी तरह झोंकने वाला युवा अपने भविष्य को लेकर किसी तरह से आशंकित ना रहें, इसलिए कांग्रेस सरकार ने ‘पदक लाओ पद पाओ’ की पॉलिसी बनाई।
हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य था जिसने पदक विजेता खिलाड़ियों को डीएसपी जैसे उच्च पदों के ऊपर सीधे नियुक्ति दी। कांग्रेस सरकार के दौरान 16 डीएसपी, 25 इंस्पेक्टर, 43 सब इंस्पेक्टर, 318 कॉन्स्टेबल यानी 400 से ज्यादा खिलाड़ियों को सीधे पुलिस विभाग में नियुक्त किया गया। इसके अलावा खिलाड़ियों के लिए हर महकमे की नौकरी में 3% आरक्षण का लाभ दिया गया। इस तरह से सैकड़ों, हजारों खिलाड़ियों को रोजगार प्राप्त हुआ। यानी सरकार ने उनका भविष्य सुरक्षित करने की गारंटी दी।
हरियाणा ऐसा पहला राज्य था जिसने पदक विजेता खिलाड़ियों को 5 करोड़ रुपए तक नकद इनाम देने की शुरुआत की थी। क्योंकि जो युवा खिलाड़ी बनना चाहते थे, वो सोचकर अपने कदम पीछे खींच लेते थे कि भविष्य में उनका क्या होगा? क्योंकि एक कहावत थी कि खेल से पेट नहीं भरते थे, घर नहीं चलते थे। लेकिन कांग्रेस सरकार ने सुनिश्चित किया कि खेल से पेट भी बरेंगे, घर भी चलेंगे और उच्च पद भी मिलेंगे।
लेकिन हुड्डा ने खेलों व खिलाड़ियों के प्रति मौजूदा सरकार की नीति पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने हरियाणा के खेल कल्चर को बर्बाद करने की मानो कसम खाई है। इस सरकार ने ‘पदक लाओ पद पाओ’ की नीति में फेरबदल करके खिलाड़ियों से DSP जैसे उच्च पद पर नियुक्ति व प्रमोशन का अधिकार छीन लिया। सरकार ने खिलाड़ियों की इनाम राशि में कटौती की भी कोशिशें की। इतना ही नहीं स्कूल स्तर पर खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए शुरू की गई स्पैट खेल प्रतियोगिताओं और खिलाड़ियों की डाइट व भत्ते को बंद कर दिए।
बीजेपी ने कांग्रेस सरकार में बनाए गए खेल परिसर को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया। ना वहां पर कोच नियुक्ति किए, ना खेल का सामान उपलब्ध करवाया गया। यहां तक कि उनकी साफ-सफाई तक सरकार ने नहीं करवाई।
उन्होंने संबोधन में कहा की कांग्रेस की सरकार बनने पर हरियाणा में खेल, शिक्षा व रोजगार में आगे बढ़ाना सरकार की जिम्मेदारी होगी। क्योंकि स्कूलों लेवल से ही प्रोत्साहन राशि, पदक लाओ पद पाओ की नीति, खिलाड़ियों के लिए आरक्षण लागू करके हर खिलाड़ी को सशक्त बनाया जाएगा। खेलने व पढ़ने वाले बच्चे किसी भी मां-बाप पर बोझ नहीं होंगे। कोई भी बच्चा गरीबी, संसाधनों या पैसे के अभाव में खेल व शिक्षा से वंचित नहीं होगा।
कार्यक्रम से पहले पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एमबीबीएस छात्रों की मांगों का समर्थन करते हुए दोहराया कि सरकार को फीस बढ़ोत्तरी का फैसला वापिस लेना चाहिए। 20 गुणा फीस बढ़ोत्तरी करके सरकार ने गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चों को मेडिकल शिक्षा से वंचित कर दिया है। खुद सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि शिक्षा को कमाई का धंधा नहीं बनाया जा सकता।
इस मौके पर प्रदेश के गोदामों में 50 हजार टन गेहूं सड़ने के मुद्दे पर बोलते देते हुए हुड्डा ने इसे बड़ा घोटाला करार दिया। उन्होंने धान खरीद के बाद अब गेहूं घोटाला समाने आया है। यह घोटालों की सरकार बनकर रह गई है जिसमें कभी शराब, कभी रजिस्ट्री, पेपर लीक, भर्ती समेत रोज नए-नए घोटाले उजागर होते रहते हैं। बड़े-बड़े घोटालों में खानापूर्ति के लिए छोटे कर्मचारियों पर नाममात्र की कार्रवाई की जाती है लेकिन हमेशा बड़े मगरमच्छों को छोड़ दिया जाता है। यहीं वजह है कि बीजेपी-जेजेपी सरकार में घोटालों का सिलसिला जारी रहता है।