नई दिल्ली: हिंदू धर्म में सूर्य भगवान को प्रकाश, ऊर्जा और जीवन का स्रोत माना गया है। इस मान्यता को ध्यान में रखते हुए, एक नया भजन “ॐ सूर्याय नमः” लॉन्च किया गया है। यह भजन सूर्य भगवान की आराधना और उनकी महिमा को समर्पित है, जिसमें उनके सभी रूपों और शक्ति की प्रशंसा की गई है।
भजन की विशेषताएं
भजन में सूर्य भगवान की आरती, मंत्र, और स्तोत्र को शामिल किया गया है। इसमें यह संदेश दिया गया है कि सूर्य भगवान की उपासना से मानसिक शांति, समृद्धि, और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। भजन का उद्देश्य भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करना और उनके जीवन में सकारात्मकता लाना है।
भजन के बोलों में सूर्य भगवान के सात घोड़ों के रथ, उनके सारथी अरुण, और त्रिगुण स्वरूप की महिमा का वर्णन किया गया है। साथ ही, आदित्य हृदय स्तोत्र और विभिन्न वैदिक मंत्रों का जाप भी इसमें शामिल है।
भजन की उपयोगिता
यह भजन विशेष रूप से उन भक्तों के लिए है जो नियमित रूप से सूर्य भगवान की आराधना करते हैं। भजन को ध्यान से सुनने और सूर्य देव का ध्यान करने से जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सकता है।
भक्तों से अपील
भजन के लॉन्च के साथ ही भक्तों से अपील की गई है कि वे इस भजन को सुनें, सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त करें और इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं।
संपर्क और जानकारी:
भजन को यूट्यूब चैनल ‘अलख नाम’ पर उपलब्ध कराया गया है। सभी भक्तों से इसे देखने, सुनने, और चैनल को सब्सक्राइब करने की अपील की गई है।
🔔 कृपया चैनल को सब्सक्राइब करें और इस वीडियो को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।” ॐ सूर्याय नमः ॐ घृणि सूर्याय नमः ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान ॐ जय सूर्य भगवान… सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी तुम चार भुजाधारी अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान ॐ जय सूर्य भगवान… ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान ॐ जय सूर्य भगवान… संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान ॐ जय सूर्य भगवान… देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान ॐ जय सूर्य भगवान… ॐ सूर्याय नमः ॐ घृणि सूर्याय नमः ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर: ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात ऊँ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च हिरण्य़येन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन ॐ हृां मित्राय नम:, ॐ हृीं रवये नम: ॐ हूं सूर्याय नम: , ॐ ह्रां भानवे नम: ॐ हृों खगाय नम: ,ॐ हृ: पूषणे नम: ॐ ह्रां हिरण्यगर्भाय नमः, ॐ मरीचये नमः ॐ आदित्याय नमः ॐ सवित्रे नमः ॐ अर्काय नमः ॐ भास्कराय नमः सूर्य भगवान की आरती और मंत्र
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नोट: सूर्य भगवान की आराधना से जुड़े इस भजन को सुनने और इसे अपने जीवन में अपनाने से मानसिक और आध्यात्मिक लाभ की प्राप्ति हो सकती है।