चंडीगढ़। हरियाणा में अनुसूचित जाति के किसानों के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान तथा उनकी क्षमता निर्माण को मजबूती प्रदान करने के लिए हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में एक डिजिटल लैब की स्थापना की जाएगी। कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आर.के.वी.वाई.) के तहत इसके लिए 60 लाख रुपए की अनुदान राशि प्रदान की गई है। इस डिजिटल लैब में किसानों को कृषि क्षेत्र से संबंधित नवीनतम तकनीकों की जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। डिजिटल लैब में मौसम, अनुदान संबंधी और फसलों में होने वाले नुकसान की जानकारी के साथ – साथ फसलों में कीट आदि की जानकारी किसानों को दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा किए जा रहे शोध कार्यों, विकसित किए जा रहे उन्नत किस्म के बीजों, कृषि संबंधी प्रशिक्षण इत्यादि से प्रदेश के किसानों को लाभ प्राप्त हो रहा है। यह डिजिटल लैब भी इसी कड़ी में एक कदम है। डिजिटल लैब परियोजना की प्रमुख अन्वेषक डॉ. रश्मि त्यागी ने बताया कि अनुसूचित जाति के किसानों को कृषि पोर्टल से जुड़ी तमाम जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति को और अधिक सुदृढ़ बनाया जा सके। डिजिटल लैब के माध्यम से किसानों के समक्ष आने वाली विभिन्न प्रकार की समस्याओं का निराकरण करने में मदद मिलेगी।