हरियाणा। हरियाणा में सहकारिता घोटाले की मास्टरमाइंड अनु को लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो ने बड़ा खुलासा किया है। जानकारी के अनुसार एकीकृत सहकारी विकास परियोजना में 100 करोड़ रुपये का घालमेल किया गया है। इस मामले में विभाग की सहायक रजिस्ट्रार मास्टरमाइंड अनु को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी महिला अनु कनाडा भागने की फिराक में थी, लेकिन उससे पहले ही अरेस्ट हो गई। इसके साथ अब तक 10 अफसरों सहित कुल 14 लोगों को गिरफ्तार किया है ,क्योंकि बताया जा रहा है कि अफसरों की मिलीभगत से केंद्र से आने वाली राशि को निजी प्रॉपर्टी लेने में किया इस्तेमाल किया गया। वहीं हरियाणा CM भी इस घोटाले को लेकर राज्य के सुर्खियों में आने के बाद एक्शन में आ गए हैं। उन्होंने मंगलवार को मंत्री बनवारी लाल को चंडीगढ़ तलब किया और करीब एक घंटे तक उनसे सवाल-जवाब किए।
ये था मामला
सबसे पहले एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम के संज्ञान में ये मामला आया था जिसकी पड़ताल करने पर इस घोटाले का उजागर हुआ। सहकारिता विभाग के सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समिति, जिला रजिस्ट्रार सहकारी समिति द्वारा ऑडिटर की मिली भगत से सरकारी खाते में जमा राशि से अपने निजी हित में फ्लैट तथा जमीन आदि खरीदी जा रही थी। इन अधिकारियों द्वारा सरकारी रिकॉर्ड, बैंक खातों संबंधी विवरण आदि भी सरकारी रिकॉर्ड में जाली लगाया गया था। इस पूरे मामले में एकीकृत सहकारी विकास परियोजना के नाम पर लगभग 100 करोड रुपए का गबन सामने आया है।
इसके बाद एसीबी ने विभाग की सहायक रजिस्ट्रार मास्टरमाइंड अनु का खुलासा किया। एसीबी के अधिकारियों के अनुसार अनु कौशिश लग्जरी लाइफ की शौकीन है। वह अक्सर गुरुग्राम और दिल्ली में बड़ी पार्टियों में शामिल होती थीमास्टरमाइंड अनु ने रिश्वत की रकम से करनाल, कैथल, अंबाला और गुरुग्राम में बेनामी प्रॉपर्टी भी खरीदी। इसके अलावा उसने दिल्ली की पॉश सोसाइटी में महंगे आलीशान फ्लैट्स भी खरीदे हैं।ACB अब इन सभी प्रॉपर्टीज की जांच में जुटी है। अनु की प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट्स खंगालने के बाद ACB ने उसकी सिरसा में 10 एकड़ जमीन, फ्लैट के अलावा कुरूक्षेत्र में 250 गज का मकान भी अटैच किया है। इन प्रॉपर्टी की कीमत 5 करोड़ है।
महिला अनु ने सरकारी पैसा कनाडा में अपनी बहन के जमा करवा दिया और खुद खुद भी दुबई भागने की फिराक में थी। वहां से कनाडा जाने का प्लान था। दूसरा आरोपी स्टालिन भी कनाडा भागने की तैयारी कर रहे था और अपनी परिवार को पहले ही कनाडा में शिफ्ट कर चुके थे। इसी तरह हरको बैंक के एमडी नरेश भी मास्टरमाइंड लिस्ट में शामिल है। एंटी करप्शन ब्यूरो ने नरेश के खिलाफ जांच के लिए सरकार से इजाजत मांगी है और जल्द ही इसकी भी गिरफ्तार हो सकती है।
कौन कौन गिरफ्तार हुए
पूरे मामले में संलिप्त 6 राजपत्रित अधिकारियों, आईसीडीपी रेवाड़ी के 4 अन्य अधिकारियों तथा 4 निजी व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है। आरोपियों में ऑडिट ऑफीसर बलविंदर, डिप्टी चीफ ऑडिटर योगेंद्र अग्रवाल, जिला रजिस्टर सहकारी समितियां, करनाल रोहित गुप्ता, सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समिति(एआरसीएस) अनु कोशिश ,रामकुमार, जितेंद्र कौशिक, कृष्ण बेनीवाल को गिरफ्तार किया है इसी प्रकार इसी विभाग के आईडीपी रेवाड़ी के लेखाकार सुमित अग्रवाल डेवलपमेंट अधिकारी नितिन शर्मा तथा विजय सिंह की गिरफ्तारी की गई है। इस मामले में चार निजी व्यक्तियों नामत: स्तालिन जीत, नताशा कौशिक, सुभाष तथा रेखा को गिरफ्तार किया गया है।
स्टालिनजीत सिंह के पास कनाडा की PR
जानकारी के अनुसार अनु कौशिश के साथ बिजनसमैन स्टालिनजीत सिंह जगाधरी के पास का रहने वाला है। उसने अपने रसूख के जरिए कनाडा की पीआर भी ले रखी है। स्टालिनजीत सिंह ने दो शादियां की हैं। गिरफ्तारी से बचने के लिए इसके द्वारा रेवाड़ी कोर्ट में केस लगाया गया था। वहां से जमानत हुई, इसके बाद हाईकोर्ट से एक करोड़ की गारंटी देकर कनाडा जाने के लिए तैयारी कर रहा था।
घोटाले की मास्टरमाइंड अनु पर हुए 5 अहम खुलासे
1. वरिष्ठ नेता से अच्छे रिलेशन, 100 कर्मचारियों की भर्ती में रिश्वत
अनु कौशिश को राज्य के एक वरिष्ठ नेता से अच्छे संबंधों का खूब फायदा मिला। इसी का फायदा लेते हुए सहकारिता विभाग में उसके द्वारा 100 कर्मचारियों की भर्ती कराई गई। एसीबी के सूत्रों का कहना है कि इन भर्तियों के एवज में कर्मचारियों से एक से 1.5 लाख रुपए लिए गए।
ACB इन कर्मचारियों से भी पूछताछ करेगी। ACB जानना चाह रही है कि अनु कौशिश ने किस नेता के जरिए विभाग में ये भर्तियां कराईं। हालांकि विभाग में ये भर्तियां हरियाणा कौशल रोजगार निगम के जरिए ही की गई हैं।
2. अंबाला में सोसाइटी की बेच दी 40 एकड़ लैंड
ACB जांच में ये भी सामने आया है कि अनु ने अंबाला में निगदू सोसाइटी की 45 एकड़ जमीन अवैध तरीके से बेच दी गई। इस मामले की जांच अभी चल रही है, लेकिन एसीबी की जांच से पहले अभी तक इस मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं की गई थी। हालांकि अब इस मामले की जांच की जा रही है।
3. कनाडा में बहन को भिजवाया रिश्वत का पैसा
ACB को जांच में यह भी पता चला कि अनु कौशिश ने रिश्वत का पैसा कनाडा में अपनी बहन को भिजवाया। यह रकम हवाला के जरिए भेजी गई थी। जिसके पीछे घोटाले के दूसरे आरोपी स्टालिन जीत सिंह है। जिसकी कंपनी की ब्रांच कनाडा में भी है। उसी के जरिए रिश्वत को रूट कराया गया।
4. दुबई में सैटल होने की तैयारी में थी
ACB सूत्रों के मुताबिक जांच में पता चला कि अनु कौशिश घोटाले से रकम इकट्ठा कर दुबई में सैटल होना चाहती थी ताकि भारतीय कानून की पहुंच से दूर हो सके। उसके दुबई में रहने के सारे इंतजाम उसकी बहन कर रही थी। हालांकि इससे पहले ही पूरा घोटाला खुल गया और अनु कौशिश गिरफ्तार हो गई।
5. महंगी ज्वेलरी-बड़ी पार्टियों का शौक
ACB की जांच के मुताबिक अनु कौशिश को महंगी ज्वेलरी और बड़ी पार्टियों का शौक है। उसकी कई तस्वीरें वायरल हुई हैं, जिनमें वह महंगी ज्वेलरी पहने नजर आ रही है। इसके अलावा वह दिल्ली और गुरुग्राम की पार्टियों में शामिल होती थी। जहां घोटाले से मिली रिश्वत को खुला खर्च करती थी।