बाढडा। शिव कुमार योगी || मुआवजे की मांग को लेकर किसानों द्वारा हाई टेंशन बिजली लाइन के टॉवर पर चढ़ कर प्रदर्शन करने का मामला सामने आया है . मामला चरखी दादरी जिले के गांव रामबास का है. जहाँ पर पिछले 54 दिनों से किसान मुआवजे की मांग को लेकर धरना दें रहे हैं. याद रहे है कि धरना दे रहे किसानों के खेतों में हाइटेंशन बिजली टावर लगाये गए थे . किसानों का आरोप है कि कंपनी, सरकार से मिलीभगत कर किसानों का हक खाने का काम कर रही है . पीड़ित किसान प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगा चुके हैं, उनको आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है .
याद रहे कि हाईटेंशन बिजली टावर के समान मुआवजे की मांग को लेकर किसान लगातर धरना दे रहे हैं। वीरवार को गांव रामबास में किसानों के धरने पर महिलाएं भी पहुंची और सरकार व कंपनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रोष जताया। वहीं इस दौरान बिजली टावर से प्रभावित किसानों ने खेतों में लगे बिजली टावर पर चढ़कर रोष जताया। धरने की अगुवाई कर रहे किसानों ने कहा वे बीते कई दिनों से धरना दे रहे हैं लेकिन अभी तक उनकी सुध नहीं ली गई है। किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसानों को शीघ्र समान मुआवजा नहीं दिया गया तो वे बिजली पोल को उखाड़ फेकेंगे। साथ ही किसानों ने एक सप्ताह का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी है। इस अवसर पर बीडीसी गुणपाल दगड़ौली, प्रीतम सिंह पूर्व चेयरमैन पंचायत समिति,धर्मेंद्र रामबास ,नरेश गोपालवास, देवेन्द्र शर्मा, राजकुमार, भुपेंद्र,नवीन रामबास, बंसीलाल, मायावती, सुनहरी आदि मौजूद थे।
किसानों की ये हैं काम
ट्यूबल के 10 लाख रुपये, खेत में टावर के 12 लाख रुपए, तार घिसाई एक बार प्रति एकड़ 50 हजार रुपए, कपलर के 50 हजार रुपये, बाग के एक पेड़ के 12 हजार रुपए, आलू की फसल एक एकड़ के 2 लाख 40 हजार रुपये, तारों के नीचे जमीन के डीसी रेट के 15 प्रतिशत तथा पोल के 85 प्रतिशत लाइन के मध्य के दोनों ओर 26 मीटर दूरी