आधुनिक जीवनशैली में परिवारों के स्वरूप में बदलाव आ चुका है। जहां एक ओर संयुक्त परिवार धीरे-धीरे समाप्त हो गए हैं, वहीं अब एकल परिवारों पर भी खतरा मंडरा रहा है। नई पीढ़ी जहां परिवार के प्यार को छोड़कर पैसे के पीछे दौड़ रही है, वहीं बहादुरगढ़ में एक ऐसा संयुक्त परिवार मौजूद है, जो समाज के लिए एक प्रेरणा बनकर सामने आ रहा है। इस परिवार के 24 सदस्य एक ही छत के नीचे रहते हैं, उनका एक ही रसोई और एक ही कारोबार है। यह परिवार समाज में एकजुटता और संयुक्त परिवार की अहमियत का संदेश दे रहा है।
1982 में बसाया था परिवार
गांव भापड़ोदा के निवासी रघुबीर सिंह राठी ने 1982 में बहादुरगढ़ के लाइनपार में अपना घर बसाया था, और इसके बाद वे सेक्टर-6 में रहने लगे। रघुबीर राठी और उनकी पत्नी इंद्रावति के तीन बेटे और एक बेटी हैं। बड़े बेटे रामबीर राठी दिल्ली में डीडीए में काम करते थे, जबकि दूसरे नंबर पर उनकी बेटी रमेश देवी और तीसरे नंबर के बेटे सोमबीर राठी दिल्ली पुलिस में कार्यरत थे। चौथा बेटा जयभगवान राठी था। इन चारों के 10 बेटे-बेटियां हैं और अब उनके 11 बच्चे भी हो चुके हैं। आज ये सभी परिवार के सदस्य बहादुरगढ़ के सेक्टर-6 में एक छत के नीचे रहते हैं।
संयुक्त परिवार की ताकत
राठी परिवार के सदस्य एक साथ मिलकर रहते हैं, एक ही रसोई में भोजन बनाते हैं और एक ही कारोबार को आगे बढ़ाते हैं। परिवार के छोटे बेटे जयभगवान राठी ने 1988 में सांपला में मोटर रिपेयर की दुकान शुरू की थी, जिसके दो साल बाद उन्होंने नांगलोई में राठी पंप के नाम से मोटर बनाने का काम शुरू किया। करीब 20 साल पहले परिवार ने बहादुरगढ़ में एक फैक्टरी स्थापित की। उनका कारोबार अब उत्तर भारत ही नहीं, बल्कि देश के अन्य हिस्सों तक फैल चुका है। हाल ही में 15 दिसंबर को परिवार ने घर की मुखिया इंद्रावति का 97वां जन्मदिन धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर परिवार के दर्जनों सदस्य खुशी और उत्साह के साथ शामिल हुए।
संस्कार और मर्यादाओं से बनता है परिवार
रामबीर राठी के अनुसार, एक परिवार की ताकत उसकी एकता और मर्यादाओं में निहित होती है। एकता और सामूहिकता से भरे परिवार में समृद्धि आती है, जबकि आजकल के एकल परिवारों में बच्चों में आत्मकेंद्रित होने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। इसके परिणामस्वरूप वे जिद्दी और चिड़चिड़े हो रहे हैं। रामबीर राठी ने यह भी बताया कि अति महत्वाकांक्षा के कारण संयुक्त परिवारों का विघटन हुआ है, जिससे नई पीढ़ी में संस्कारों की कमी बढ़ रही है। एकल परिवारों में मनमुटाव और तनाव भी बढ़ रहे हैं, जबकि संयुक्त परिवार में सभी सदस्य एक-दूसरे के साथ रहते हुए अपने जीवन को साझा करते हैं और परिवार को एकजुट रखने का प्रयास करते हैं।
संयुक्त परिवार का महत्व
राठी परिवार की यह मिसाल यह साबित करती है कि यदि परिवार में एकता और सामूहिकता हो, तो कोई भी मुश्किल उन्हें नहीं हरा सकती। यह परिवार समाज में एकजुटता का प्रतीक है और यह दिखाता है कि एक साथ रहने से परिवार की ताकत और भी बढ़ जाती है। आज भी जब अधिकतर लोग अपने व्यक्तिगत स्वार्थ में खोए हुए हैं, राठी परिवार ने एकजुट होकर समाज को परिवार की अहमियत और उसकी ताकत का संदेश दिया है। Example of joint family in Bahadurgarh: 24 members live under one roof