साल 2018 में हरियाणा सरकार ने ग्रुप डी में खेल कोटे से भर्ती (Sports Quota Recruitment) की थी जिसके 1518 कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया है। इन खाली खाली पदों पर वेटिंग लिस्ट में शामिल अन्य लोगों को नौकरी के मौका मिलेगा। 31 दिसंबर तक इस वेटिंग लिस्ट की वैधता रहेगी। हटाने के पीछे मुख्य वजह है कि भर्ती में शामिल लोगों ने जायज खेल प्रमाणपत्र जमा नहीं करवा पाए थे जिसकी वजह से हरियाणा सरकार ने ये फैसला लिया है। खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट न देने या फिर फर्जी प्रमाणपत्र के कारण नौकरी से हटाए गए कर्मचारियों की जगह अब खाली हो गई है। ऐसे में प्रतीक्षा सूची में शामिल पात्र युवाओं को नौकरी पाने का मौका मिल गया है।
हरियाणा के खेल विभाग ने आदेश दिया है कि वोटिंग लिस्ट में शामिल पात्र केनिडेट के खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट 31 अक्टूबर तक बना दिए जाएंगे। इसके बाद चयनित युवाओं को यह प्रमाणपत्र 30 नवंबर तक जमा कराने होंगे। यह आदेश हरियाणा के मुख्य सचिव की ओर से संबधित विभागों को दे दिए गए हैं
गौरतलब है कि हरियाणा की पुरानी खेल ग्रेडेशन नीति के तहत जारी प्रमाण पत्रों के आधार पर हुई भर्ती पंजाब एवं हरियाणा है कोर्ट ने रद्द कर दी थी उसके बाद है कोर्ट के इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी थी। इसके बाद हरियाणा सरकार की ओर से भर्ती हुए कर्मचारियों को नई खेल नीति के तहत स्पोर्ट्स ग्रेडेशन सर्टिफिकेट जमा करवाने के मौके दिए लेकिन जो कर्मी इसके बाद भी प्रमाण पत्र जमा नहीं करवा पाया उनको सरकार ने हटाने का आदेश दे दिया।
खेल निदेशक पंकज नैन ने मीडिया रिपोर्ट में बताया कि अप्रैल 2018 में निकली ग्रुप डी की भर्ती में खेल कोटे के 1518 पद आरक्षित थे। कर्मचारियों को भर्ती के बाद खेल नीति में बदलवा हुए जिसके विरोध में चयनित लोग कोर्ट चले गए। हाई कोर्ट ने दिए कि 25 मई 2018 की पालिसी के मुताबिक खेल ग्रेडेशन सर्टिफकेट जारी किये जाए। इनके बाद 985 चयनित युवाओं ने आवेदन किया जिनमें से 300 कसौटी पर खरे नहीं उतरे। इसके बाद जिन 685 के स्पोर्ट्स ग्रेडेशन सर्टिफिकेट जारी किए गए, उनमें भी करीबन 250 युवाओं के प्रमाणपत्र संदिग्ध या फर्जी हैं। इनकी मामले की जांच विजिलेंस कर रही है। दोषी लोगों के खिलाफ लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।