डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट से 21 दिनों की फरलो मांगी है। राम रहीम ने कहा कि वे हरियाणा सरकार को इसकी अर्जी दे चुके हैं। हाईकोर्ट उन्हें अनुमति दे क्योंकि कोर्ट के आदेश के बिना उन्हें पैरोल या फरलो नहीं दी जा सकती।
हाइकोर्ट ने याचिका पर एसजीपीसी सहित हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही कहा है कि जुलाई में जब छुट्टियां खत्म हो जाएंगी तो एक्टिंग चीफ जस्टिस की बेंच ही इस अर्जी पर सुनवाई करेगी। हरियाणा सरकार ने बताया कि डेरा मुखी की अर्जी पर गौर किया जा रहा है, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद सुनवाई 2 जुलाई तक स्थगित कर दी गई।
हाईकोर्ट ने कहा
गुरमीत राम रहीम ने अपनी अर्जी में कहा कि इसी महीने डेरे में एक कार्यक्रम है, जिसमें शामिल होने के लिए उन्हें फरलो दी जाए। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि आप अपना कार्यक्रम स्थगित कर लो । आप पहले कार्यक्रम रख लेते हो फिर बाद में कोर्ट आकर इसमें शामिल होने का दबाव डालते हो। एक्टिंग चीफ जस्टिस की बेंच ही अब इस अर्जी पर जुलाई में सुनवाई करेगी, क्योंकि ये केस उसी बेंच में चल रहा है।
बता दें कि गुरमीत राम रहीम के ऊपर कई मामले चल रहे हैं। पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट 2017 में गुरमीत राम रहीम को दो महिला शिष्यों से बलात्कार करने का दोषी ठहराया था और 20 साल की कैद की सजा सुनाई थी। इसी सीबीआई कोर्ट ने 2019 को सिरसा के पत्रकार राम चंदर छत्रपति की हत्या के मामले में भी उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। वहीं मई महीने में हाई कोर्ट ने डेरा मैनेजर रंजीत सिंह हत्याकांड में गुरमीत राम रहीम को बरी कर दिया था।