Haryana, पर्यावरण एवं वन मंत्री कंवर पाल ने कहा कि हरियाणा पहला राज्य है, जिसे तीसरी बार अखिल भारतीय वन खेल प्रतियोगिता (ऑल इंडिया फॉरेस्ट स्पोर्ट्स कंपटीशन) की मेजबानी का मौका मिला है।
पंचकूला के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में 26वीं अखिल भारतीय वन खेल प्रतियोगिता का उद्घाटन करने के बाद पाल ने विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खिलाड़ियों के दल द्वारा मार्च पास्ट की सलामी ली। पाल ने कहा कि इससे पहले यह प्रतियोगिता 2013 में पंचकूला और 2002 में फरीदाबाद में आयोजित की गई थी।
मंत्री ने कहा कि उन्होंने हरियाणा को फिर से इन खेलों के आयोजन का मौका देने के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। पाल ने कहा कि अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत से ही वह वनकर्मियों से जुड़े रहे हैं। यमुनानगर जिले के उनके क्षेत्र में कलेसर का घना जंगल होने के कारण वहां वनकर्मियों की सक्रियता बनी रहती थी।
उन्होंने देखा है कि वन कर्मी दिन-रात गश्त कर बड़े उत्साह से वन संपदा की रक्षा करते हैं। वन मंत्री ने कहा कि वन खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन न केवल हमारे वन परिवार को और मजबूत करने, हमारे संबंधित राज्यों और संगठनों का नाम रोशन करने का अवसर है, बल्कि इस प्रतियोगिता का सीधा प्रभाव हमारे काम पर भी पड़ेगा और हमारी कार्यकुशलता में भी वृद्धि होगी।
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खेल हमें अपनी जाति, धर्म, क्षेत्र को भूलकर अपने मतभेदों को मिटाकर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एकजुट होना सिखाते हैं। मंत्री ने आगे कहा कि हरियाणा की जनसंख्या देश की कुल जनसंख्या का केवल दो प्रतिशत है, लेकिन टोक्यो ओलंपिक 2020 में देश द्वारा जीते गए कुल सात पदकों में से तीन पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते हैं, जिसमें नीरज चोपड़ा का स्वर्ण पदक भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि आज हरियाणा के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रदेश का नाम रोशन किया है और इसके लिए प्रदेश की खेल परंपरा और सरकार की खेल नीतियों का अहम योगदान है।