चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने आज चंडीगढ़ सचिवालय में बजट सत्र की तारीख तय करने के लिए कैबिनेट मीटिंग की। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए, जिनमें आढ़तियों को आर्थिक राहत और पंचायती जमीन पर मालिकाना हक देने से जुड़े निर्णय शामिल हैं।
कैबिनेट बैठक के प्रमुख फैसले:
आढ़तियों को मिलेगी 3.10 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता
मुख्यमंत्री सैनी ने घोषणा की कि सरकार आढ़तियों को 3.10 करोड़ रुपये की राहत राशि प्रदान करेगी। यह सहायता उन्हें रबी खरीद सीजन में हुए नुकसान की भरपाई के लिए दी जाएगी। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
पंचायती जमीन पर मालिकाना हक
बैठक में फैसला लिया गया कि जिन लोगों के मकान पिछले 20 वर्षों से पंचायत की जमीन पर बने हैं, उन्हें कलेक्टर रेट पर मालिकाना हक दिया जाएगा। इसके तहत 500 वर्ग गज तक की जमीन 2004 के कलेक्टर रेट के आधार पर दी जाएगी। इसे एक साल के भीतर संबंधित व्यक्ति अपने नाम पर करा सकता है, जिसके लिए डायरेक्टर की मंजूरी पर्याप्त होगी और कैबिनेट की मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ेगी।
हरियाणा वन्य जीव सुरक्षा नियम-2024 को मंजूरी
कैबिनेट ने हरियाणा वन्य जीव सुरक्षा नियम-2024 को भी मंजूरी दी, जिसमें परमिट लेने के लिए नए मानदंड तय किए गए हैं।
अनिल विज की नाराजगी बनी चर्चा का विषय
कैबिनेट मीटिंग में परिवहन मंत्री अनिल विज देर से पहुंचे, जिससे उनकी नाराजगी के कयास लगाए जाने लगे। विज ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मैंने मंत्रियों वाली कोई सहूलियत नहीं ली, न कोठी ली और न ही कोई अन्य लाभ। अगर सरकार कार वापस लेना चाहे तो हम दे देंगे।”
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “अनिल विज वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें कोई नाराजगी नहीं है। कैबिनेट में हम सभी साथ थे और विभागीय बैठकें भी की हैं।”
भूपेंद्र सिंह हुड्डा का सरकार पर हमला
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार के 100 दिनों के कार्यकाल को “हवा-हवाई” बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने महिलाओं को 2100 रुपये देने, 2 लाख सरकारी नौकरियां देने और धान की फसल को 3100 रुपये MSP पर खरीदने का वादा किया था, लेकिन कोई भी वादा पूरा नहीं किया गया। उन्होंने सरकार द्वारा 24 फसलों पर MSP देने के दावे पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि हरियाणा में इतनी फसलें ही नहीं होतीं।
हरियाणा कैबिनेट की इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिनका असर राज्य के किसानों, आढ़तियों और आम जनता पर पड़ेगा। वहीं, राजनीतिक हलचल भी तेज होती दिख रही है, जिसमें मंत्री अनिल विज की नाराजगी और विपक्षी नेताओं के आरोप प्रमुख रूप से सामने आए हैं।