हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों की भलाई के लिए एक क्रांतिकारी पहल का ऐलान किया है। अब राज्य में फसलों की बीमारियों की पहचान ड्रोन तकनीक से की जाएगी। इसके लिए एक पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है, जिसमें किसानों को सीधा जोड़ा जाएगा।
चंडीगढ़ में Drone Imaging and Information Services of Limited (DIISL) के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में सीएम सैनी ने यह फैसला लिया। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ड्रोन आधारित पायलट प्रोजेक्ट को जल्द तैयार कर लागू किया जाए।
चार फसलें और सब्जियां होंगी शामिल
पायलट प्रोजेक्ट के पहले चरण में आलू, चना, कपास, धान और सब्जियों को शामिल किया जाएगा। यह तकनीक फसलों की बारीकी से निगरानी करेगी और बीमारी या कीटों की पहचान कर समय रहते उपाय सुझाएगी। इससे किसानों की पैदावार बढ़ेगी और नुकसान कम होगा।
‘ड्रोन दीदी योजना’ को मिलेगी रफ्तार
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि राज्य सरकार ‘ड्रोन दीदी योजना’ को भी तेज़ी से आगे बढ़ाएगी। इस योजना के तहत महिलाओं को ड्रोन संचालन और निगरानी की ट्रेनिंग दी जाएगी।
सीएम सैनी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए जीवामृत जैसे जैविक घोलों के छिड़काव में भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जाए।
किसानों को दी जाएगी विशेष ट्रेनिंग
सीएम सैनी ने अधिकारियों से कहा कि इस नई पहल में किसानों की सक्रिय भागीदारी जरूरी है। इसके लिए उन्हें स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे ड्रोन तकनीक का कुशलतापूर्वक उपयोग कर सकें।
इस मीटिंग में मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
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