चंडीगढ़। हरियाणा के बिजली उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है। लगातार लाभ में पहुंच रही बिजली कंपनियां प्रदेश में बिजली के रेट नहीं बढ़ाने वाली हैं। हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचइआरसी) ने बिजली वितरण निगमों उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) द्वारा दायर की गई वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) की याचिका पर अपना निर्णय दे दिया है।
बिजली बिलों में किसी प्रकार की कोई बढ़ोतरी नहीं
एचइआरसी ने 78 लाख 57 हजार 142 बिजली उपभोक्ताओं को भारी राहत देते हुए बिजली बिलों में किसी प्रकार की कोई बढ़ोतरी नहीं की है। आयोग के निर्णय के मुताबिक हरियाणा में बिजली की दरें ज्यों की त्यों जारी रहेंगी। एचइआरसी ने इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के सेक्शन 62 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अपना यह निर्णय दिया है। यह एआरआर आर्डर एक अप्रैल से प्रभावी होगा। इससे पहले गत वर्ष भी एचइआरसी ने अपने एआरआर आर्डर में किसी प्रकार की कोई वृद्धि नहीं की थी।
आठ फरवरी को जनसुनवाई की गई थी
एचइआरसी के अध्यक्ष नंदलाल शर्मा, सदस्य (तकनीकी) नरेश सरदाना, सदस्य (विधि) मुकेश गर्ग ने विस्तृत निर्णय सुनाते हुए बिजली वितरण निगमों को निर्देश दिए हैं कि परिचालन दक्षता में सुधार लाएं और एग्रीग्रेट ट्रांसमिशन एंड कामर्शियल लास (एटीएंडसी) को 12 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करें। एचइआरसी ने एआरआर ऑर्डर को लेकर आठ फरवरी को पब्लिक हियरिंग की थी, जिसमें यूएचबीवीएन/डीएचबीवीएन के अधिकारियों और पब्लिक की दलीलें सुनी गई थी।
नए वित्त वर्ष शुरू होने से पहले जारी हुआ ARR ऑर्डर
उसके बाद नौ फरवरी को राज्य सलाहकार समिति (एसएसी) की बैठक कर नए एआरआर आर्डर के संबंध में एसएसी के सदस्यों के सुझावों को दर्ज किया गया था। एआरआर आर्डर 2024-25 के लिए यूएचबीवीएन और डीएचबीवीएन ने 30 नवंबर 2023 से पहले एआरआर पिटीशन दायर कर दी थी, उसके बाद इनकी पिटीशन पर विश्लेषण का कार्य जारी था। एचइआरसी ने नया वित्त वर्ष शुरू होने से पहले अपना एआरआर ऑर्डर जारी कर दिया है।