Haryana के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सोमवार को विधानसभा के बजट सत्र (Budget Session) के पहले दिन छेड़छाड़ के आरोपी भाजपा मंत्री के इस्तीफे की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि जब तक आरोपों की जांच नहीं हो जाती, तब तक मुख्यमंत्री को मंत्री का इस्तीफा मांग लेना चाहिए या खुद मंत्री को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
उन्होंने हरियाणा बजट सत्र (Haryana Budget session) के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, छेड़छाड़ के आरोपी मंत्री को बचाने के लिए भाजपा-जजपा सरकार सार्वजनिक जीवन में नैतिकता की धज्जियां उड़ा रही है। महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों के प्रति सरकार के इस रवैये के कारण हरियाणा आज महिला सुरक्षा के मामले में सभी राज्यों से पिछड़ गया है।” बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया
अभिभाषण के बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन में आरोपी मंत्री के इस्तीफे की मांग उठाई। बाद में पार्टी विधायक विरोध में सदन से वॉक आउट कर गए। राज्यपाल के अभिभाषण पर हुड्डा ने अभिभाषण में सरकार द्वारा किए गए दावों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्यपाल से झूठे दावे करवाए, जो धरातल पर कहीं नजर नहीं आते।
उन्होंने कहा- भाषण में सरकार ने अपनी नाकामियों को उपलब्धियों के तौर पर पेश करने की कोशिश की। हकीकत यह है कि पिछले आठ साल में सरकार ने हरियाणा को हर मोर्चे पर पीछे धकेलने का काम किया। प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सरकार को शर्म आनी चाहिए, लेकिन वह अपनी ही पीठ थपथपा रही है। केंद्र सरकार की सामाजिक प्रगति रिपोर्ट खुद कहती है कि नागरिक सुरक्षा के मामले में हरियाणा सबसे निचले पायदान पर है।
Haryana Murder, गाड़ी में बैठे व्यक्ति की गोली मारकर हत्या, आरोपी फरार
इसी तरह सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दिया। इसके लिए घोटालों की जांच रिपोर्ट को दबा दिया गया। सरकार ने युवाओं को रोजगार देने के बजाय सरकारी विभागों में पदों को खत्म करने का काम किया। आज प्रदेश में करीब दो लाख पद खाली पड़े हैं।
हुड्डा ने कहा, भर्ती के नाम पर बड़े पैमाने पर घोटाले किए गए। किराने की दुकान पर सामान की तरह नौकरियां बेची गईं। बिना किसी सामाजिक सुरक्षा के कम वेतन के लिए शिक्षित युवाओं का कौशल निगम के माध्यम से शोषण किया जा रहा है।