विहिप की जलाभिषेक यात्रा पर 31 जुलाई को पथराव किए गया था। इसके बाद नूंह और आसपास के इलाकों में सांप्रदायिक झड़पें हुई थीं। इनमें दो होमगार्ड और एक इमाम समेत छह लोगों की मौत हो गई थी।
हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र समाप्त होने के बाद हुड्डा ने यहां पत्रकारों से कहा, जब हमने नूंह घटना सहित कानून-व्यवस्था का मामला उठाया तो उसने (सरकार ने) चर्चा को टाल दिया। कहा गया कि मामला अदालत में विचाराधीन है।
विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, हमने कहा कि हाल में नूंह में अधिकारियों द्वारा की गई बुलडोजर कार्रवाई ही उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है।
Nuh Violence, गौरक्षक बिट्टू बजरंगी को मिली जमानत
सांप्रदायिक हिंसा के बाद, नूंह में अवैध निर्माण को गिराने का अभियान शुरू किया गया था जिस पर सात अगस्त को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने संज्ञान लिया था। न्यायमूर्ति जी. एस. संधावालिया और न्यायमूर्ति हरप्रीत कौर जीवन ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए इस प्रक्रिया को रोक दिया था।
हुड्डा ने दावा किया, ‘(हिंसा से) एक सप्ताह पहले व्हाट्सएप संदेशों को प्रसारित करके दोनों पक्षों की ओर से माहौल बनाया गया था। उन्होंने कहा कि तब, एक सीआईडी निरीक्षक ने एक बयान दिया था जिसके मुताबिक, गड़बड़ी की आशंका थी, लेकिन सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रही।