हरियाणा में जल्द ही एक ऐतिहासिक प्रशासनिक बदलाव होने जा रहा है। राज्य सरकार पांच नए जिलों के गठन की तैयारी अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। इन नए जिलों के बनने से हरियाणा में जिलों की कुल संख्या 22 से बढ़कर 27 हो जाएगी। यह फैसला राज्य की कैबिनेट सब-कमेटी की सिफारिशों के आधार पर लिया जा रहा है, जिसकी अंतिम बैठक अगले हफ्ते संभावित है।
इन क्षेत्रों को मिलेगा नया जिला दर्जा:
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हांसी (जिला हिसार से अलग) – पहले ही पुलिस जिला घोषित हो चुका है।
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डबवाली (जिला सिरसा से अलग) – पुलिस जिला का दर्जा पहले से प्राप्त है।
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असंध (जिला करनाल से अलग)
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सफीदों (जिला जींद से अलग)
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गोहाना (जिला सोनीपत से अलग)
इन क्षेत्रों में लंबे समय से नए जिलों की मांग उठ रही थी ताकि प्रशासनिक सेवाएं बेहतर तरीके से आम लोगों तक पहुंच सकें और विकास कार्यों को गति मिले।
मानेसर और अन्य प्रशासनिक इकाइयों पर भी विचार
गुरुग्राम के मानेसर को भी जिला बनाने की मांग उठी है, लेकिन दस्तावेज अधूरे होने के कारण उस पर निर्णय अगली बैठक तक टाल दिया गया है। इसके अतिरिक्त, इस बैठक में नए मंडलों, उप-मंडलों, तहसीलों और उप-तहसीलों पर भी चर्चा की जाएगी।
ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने बताया कि प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और रिपोर्ट सरकार को भेजने की तैयारी है।
अब तक चार अहम बैठकें हो चुकीं
इन जिलों के गठन से संबंधित प्रक्रिया में अब तक चार कैबिनेट बैठकों का आयोजन किया जा चुका है। उपायुक्तों, विधायकों और स्थानीय निकायों की सिफारिश को अनिवार्य माना गया है ताकि प्रशासनिक इकाइयों का गठन क्षेत्रीय आवश्यकताओं और जनप्रतिनिधियों की सहमति से हो।
बदलाव से क्या होगा फायदा?
नए जिलों के गठन से:
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प्रशासनिक सुविधा बढ़ेगी,
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विकास योजनाओं में तेजी आएगी,
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स्थानीय जनता को सरकारी सेवाएं अधिक प्रभावी ढंग से मिलेंगी।
यह कदम न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास की दिशा में भी एक बड़ा परिवर्तन साबित हो सकता है।