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हरियाणा में पिछड़े वर्ग-बी को भी पालिकाओं और पंचायती राज संस्थाओं में मिलेगा आरक्षण

हरियाणा में पिछड़ा वर्ग-बी के उत्थान के लिए और लोकतांत्रिक व्यवस्था में पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने के लिए राज्य सरकार पंचायती राज संस्थाओं/पालिकाओं के चुनावों में बीसी-बी को आरक्षण देने जा रही है। इस संबंध में मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट स्वीकार की गई है। पिछड़े वर्ग ब्लॉक-बी के लिए आरक्षण हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों के आधार पर लागू किया जाएगा।

आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, पिछड़े वर्ग ब्लॉक-बी को भी उनके उत्थान के लिए और लोकतांत्रिक व्यवस्था में पर्याप्त प्रतिनिधित्व के लिए पंचायती राज संस्थाओं/ पालिकाओं के चुनावों में पिछड़े वर्ग ब्लॉक-ए की तर्ज पर आरक्षण की आवश्यकता है। वर्तमान में राज्य में पिछड़ा वर्ग -ए की जनसंख्या 18.93 प्रतिशत तथा पिछड़ा वर्ग -बी की जनसंख्या 15.05 प्रतिशत है।

पंचायती राज संस्थाओं में अनुशंसित आरक्षण

प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंच का पद पिछड़े वर्ग (बी) के लिए आरक्षित होगा और सीटों की संख्या उसी अनुपात में आरक्षित की जाएंगी, जो उस ग्राम सभा क्षेत्र की कुल जनसंख्या में पिछड़े वर्गों (बी) की जनसंख्या के आधे प्रतिशत के रूप में होगी। यदि डेसिमल वैल्यू 0.5 या अधिक है तो इसे अगले उच्च पूर्णांक में पूर्णांकित किया जाएगा। बशर्ते कि यदि पिछड़ा वर्ग (बी) की आबादी सभा क्षेत्र की कुल जनसंख्या के 2 प्रतिशत से कम नहीं है, तो प्रत्येक ग्राम पंचायत में पिछड़े वर्ग (बी) से संबंधित कम से कम एक पंच होगा।

इसी प्रकार, एक ब्लॉक में सरपंच के कुल पदों की संख्या का 5 प्रतिशत और डेसिमल वैल्यू 0.5 या अधिक है तो इसे अगले उच्च पूर्णांक में पूर्णांकित करते हुए पिछड़ा वर्ग (बी) के लिए आरक्षित किया जाएगा।

प्रत्येक पंचायत समिति में सदस्य के पद पिछड़े वर्ग (बी) के लिए कुल सीटों के उसी अनुपात में आरक्षित किए जाएंगे जो ब्लॉक की कुल आबादी में पिछड़ा वर्ग (बी) की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में होगी। यदि डेसिमल वैल्यू 0.5 या अधिक है तो इसे अगले उच्च पूर्णांक में पूर्णांकित किया जाएगा।

प्रत्येक जिला परिषद में सदस्य के पद पिछड़ा वर्ग (बी) के लिए कुल सीटों के उसी अनुपात में आरक्षित किए जाएंगे जो जिला परिषद क्षेत्र की कुल आबादी में पिछड़ा वर्ग (बी) की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में होगी।

पालिकाओं में अनुशंसित आरक्षण

प्रत्येक नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका में पार्षद का पद पिछड़े वर्गों के नागरिकों के ब्लॉक-बी के लिए कुल सीटों के उसी अनुपात में आरक्षित किए जाएंगे जो उस शहरी स्थानीय क्षेत्र की कुल आबादी में पिछड़ा वर्ग (बी) की आबादी की जनसंख्या के आधे प्रतिशत के रूप में होगी। यदि डेसिमल वैल्यू 0.5 या अधिक है तो इसे अगले उच्च पूर्णांक में पूर्णांकित किया जाएगा।

बशर्ते कि यदि पिछड़ा वर्ग (बी) की आबादी निकाय क्षेत्र की कुल शहरी जनसंख्या के 2 प्रतिशत से कम नहीं है, तो प्रत्येक स्थानीय निकाय/ पालिका में पिछड़े वर्ग (बी) से संबंधित कम से कम एक पार्षद होगा।

इसी प्रकार, नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर समितियों में महापौर/अध्यक्षों के पदों की संख्या का 5 प्रतिशत पिछड़े वर्ग के नागरिकों के ब्लॉक-बी के लिए आरक्षित किया जाएगा। यदि डेसिमल वैल्यू 0.5 या अधिक है तो इसे अगले उच्च पूर्णांक में पूर्णांकित किया जाएगा।

पिछड़े वर्ग के नागरिकों के ब्लॉक-ए के पक्ष में पहले से अनुशंसित आरक्षण बरकरार रहेगा।

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