हरियाणा। राजस्थान में JJP की हार से प्रदेश में गठबंधन पर संकट के बादल गहराते नज़र आ रहे हैं। आपको बता दें कि राजस्थान में जेजेपी का विधानसभा में खराब प्रदर्शन रहा है। जेजेपी के खराब प्रदर्शन का असर अब प्रदेश में गठबंधन पर पड़ सकता है। जिस प्रकार से भाजपा ने छत्तीसगढ़, राजस्थान व मध्यप्रदेश में जीत हासिल की है, उससे साफ है कि हरियाणा में भी भाजपा को किसी सहारे की जरूरत नहीं है।
दरअसल राजस्थान विधानसभा चुनाव में जेजेपी ने 19 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। लेकिन सभी उम्मीदवार चुनाव हार गए, जबकि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने राजस्थान में कई बड़ी रैलियां की थीं।इससे पहले 25 सितंबर को चौधरी देवीलाल की जयंती भी राजस्थान में ही मनाई थी।दुष्यंत चौटाला ने कई बार कहा था कि इस बार राजस्थान विधानसभा का ताला जेजेपी की चाबी से ही खुलेगा, लेकिन ऐसा की नीति पर चुनाव लड़ेगी। पहले भी कई बार प्रदेश में गठबंधन टूटने के संकेत मिले थे, लेकिन भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने इसे कभी सिरे नहीं चढ़ने दिनहीं हो पाया। जिस प्रकार राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में भाजपा को जीत मिली है, उससे साफ है हरियाणा में भी भाजपा अब अकेला चलों नीति अपनाएगी। इस मुद्दे को लेकर जब भी
प्रदेश के सभी नेताओं से पूछा जाता है तो वो हमेशा शीर्ष नेतृत्व द्वारा फैसला लेने की बात कहकर इस सवाल को टाल जाते हैं ।
दुष्यंत चौटाला का कहना है कि जेजेपी ने अबकी बार राजस्थान में 19 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था। कई सीटों पर उनके उम्मीदवार दूसरे व तीसरे नंबर पर रहे हैं। यह बहुत बड़ी बात है कि राजस्थान तक जेजेपी का चुनाव चिह्न पहुंचा है। राजस्थान के लोगों को भी जेजेपी के बारे में पता चला है। देश की जनता अब कांग्रेस को नकार चुकी है। कांग्रेस की झूठ व लूट की नीति को देश की जनता पहचान चुकी है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह तो पहले ही गठबंधन का विरोध कर रहे हैं। बीरेंद्र सिंह, उनके सांसद बेटे बृजेंद्र सिंह और पूर्व विधायक पत्नी प्रेमलता हमेशा गठबंधन तोड़ने की बात कहते रहते हैं। पिछले महीने जींद में अपने अभिनंदन समारोह में पहुंचे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नायब सैनी के सामने ही चौ. बीरेंद्र सिंह ने कहा कि यदि प्रदेश में उनका गठबंधन जेजेपी के साथ रहा तो उनकी 20 सीट भी नहीं आएंगी। यदि भाजपा अपने दम पर अकेले चुनाव लड़ेगी तो उनकी जीत निश्चित है।इसके अलावा हरियाणा भाजपा के नेता भी ज्यादातर गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं। अब यह नेता गठबंधन का सहारा लेने से किनारा करते नजर आ सकते हैं।
राजस्थानियों पर नहीं चला बड़े बड़े सिंगरों का जादू
राजस्थान विधानसभा में सीकर की दांतारामगढ़ विधानसभा सीट पर जेजेपी की टिकट से दांतारामगढ़ से सात बार विधायक व पूर्व में पीसीसी चीफ नारायण सिंह की पुत्रवधू रीटा सिंह चुनावी मैदान में थीं। रीटा सिंह के समर्थन में खुद हनी सिंह जनसभा को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे। सीकर में पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल चौटाला के जयंती समारोह के दिन जननायक जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशियों के समर्थन में बड़ी जनसभा की थी। कार्यक्रम में बॉलीवुड सिंगर यो यो हनी सिंह, पंजाबी सिंगर अल्फाज, गगन कोकरी, कमल खान, गोल्डी गिल, याशिर हुसैन, गिरिक अमन, हरियाणवी सिंगर गुलजार व एमडी देसी रॉकस्टार भी पहुंचे थे, लेकिन राजस्थान की जनता के सामने इनका भी जादू नहीं चला।