चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने राज्य की सहकारी श्रम एवं निर्माण समितियों (लेबर-बिल्डिंग कोऑपरेटिव सोसायटीज़) को बड़ा तोहफा दिया है। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की मंजूरी के बाद इन समितियों को दी गई रियायतों की अवधि एक साल और बढ़ा दी गई है, जो अब 31 मार्च, 2030 तक लागू रहेंगी।
सरकार का उद्देश्य है कि श्रमिक-आधारित समितियों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जाए और उन्हें स्थानीय स्तर पर विकास कार्यों में भागीदारी का अवसर मिले।
1 करोड़ तक के काम रहेंगे आरक्षित
नई व्यवस्था के तहत एक करोड़ रुपए तक की लागत वाले सभी निर्माण और श्रमिक कार्य अब सहकारी समितियों के लिए आरक्षित रहेंगे। लोक निर्माण विभाग (PWD) संबंधित सर्कल स्तर पर निविदाएं आमंत्रित करेगा, और यदि समान दरें आती हैं तो प्राथमिकता सहकारी समितियों को दी जाएगी।
मैनपावर, लोडिंग, ट्रांसपोर्टेशन पर भी लागू होंगी छूट
रियायतें सिर्फ निर्माण कार्यों तक सीमित नहीं रहेंगी। मैनपावर सप्लाई, लोडिंग-अनलोडिंग, माल ट्रांसपोर्टेशन और कंस्ट्रक्शन मटेरियल की सप्लाई से जुड़े अनुबंधों पर भी यह नीति लागू होगी। अगर समितियां निविदा देने में असमर्थ रहती हैं, तो सामान्य ठेकेदारों से भी टेंडर मंगवाए जा सकते हैं।
बयाना राशि व सिक्योरिटी में मिलेगी 50% तक की छूट
50 लाख तक के कार्यों के लिए समितियों को अधिकतम ₹25,000 या 1% (जो भी कम हो) बयाना राशि देनी होगी। वहीं, किसी भी मूल्य के काम के लिए परफॉर्मेंस सिक्योरिटी, सामान्य ठेकेदारों की तुलना में आधी होगी। महिला या अनुसूचित जाति की सदस्य समितियों को यह सिक्योरिटी केवल 25% ही देनी होगी।
भुगतान और बैंकिंग में प्राथमिकता
LOC प्राप्त होते ही समितियों को भुगतान में प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही, जिला केंद्रीय सहकारी बैंक इन्हें मूर्त सुरक्षा के विरुद्ध ऋण सीमा भी देगा, बशर्ते समिति का खाता उसी बैंक में हो।
60 लाख तक की सफाई सेवाएं भी आरक्षित
सरकारी अस्पतालों और शहरी निकायों में 60 लाख तक की सफाई सेवाएं उन्हीं समितियों के लिए आरक्षित रहेंगी जिनमें सभी सदस्य महिलाएं या अनुसूचित जाति से हों। अगर ये समितियां निविदा देने में विफल रहती हैं, तब ही सेवा प्रदाताओं को टेंडर दिया जाएगा।
फीस से भी राहत, विवादों का समाधान PWD कोड के अनुसार
समितियों को किसी भी प्रकार की लाइसेंसिंग और लिस्टिंग फीस से छूट मिलेगी। वहीं कार्य देने वाली एजेंसियां संबंधित जिलों के सहायक रजिस्ट्रार और सहकारी संघ को निविदाओं की जानकारी साझा करेंगी। किसी भी तरह के विवाद का समाधान हरियाणा PWD कोड के अंतर्गत किया जाएगा।
जिला स्तर पर समीक्षा कमेटी का गठन
सरकार प्रत्येक जिले में जिला कोऑर्डिनेशन कमेटी गठित करेगी, जो समितियों को आवंटित कार्यों की समीक्षा, भुगतान प्रक्रिया में तेजी, विवाद समाधान और सभी रियायतों के क्रियान्वयन की निगरानी करेगी।