झज्जर, 7 दिसंबर।
पराली प्रबंधन योजना के तहत आवेदन करने की अंतिम तिथि आज, 8 दिसंबर है। जिले में पराली प्रबंधन को लेकर किसानों में जागरूकता में बड़ा इजाफा हुआ है। अब तक 5,278 किसान इस योजना के तहत आवेदन कर चुके हैं, जिसमें 39,666 एकड़ भूमि का पंजीकरण हो चुका है।
जिला उपायुक्त प्रदीप दहिया ने जानकारी दी कि इस वर्ष योजना के प्रति किसानों की रुचि में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने इसे सरकार और प्रशासन द्वारा चलाए गए जागरूकता अभियानों का सकारात्मक परिणाम बताया। इन अभियानों ने किसानों को पराली जलाने के विकल्पों के प्रति संवेदनशील और जागरूक बनाया है।
आवेदन की तारीख बढ़ाई गई थी
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक जितेंद्र अहलावत ने बताया कि पहले योजना के तहत आवेदन की अंतिम तिथि 30 नवंबर थी, जिसे बढ़ाकर 8 दिसंबर किया गया। उन्होंने किसानों से इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आग्रह किया।
सरकार की प्रोत्साहन राशि
जिन किसान भाई-बहनों ने इन-सीटू (पराली खेत में ही निपटान) या एक्स-सीटू (खेत के बाहर निपटान) तरीके अपनाए हैं, उन्हें सरकार प्रति एकड़ 1,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान कर रही है।
पिछले साल की तुलना में प्रगति
उप निदेशक जितेंद्र अहलावत ने बताया कि पिछले वर्ष जिले में लगभग 900 किसानों ने 9,300 एकड़ भूमि के लिए पंजीकरण कराया था। इस वर्ष यह संख्या कई गुना बढ़ गई है, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों के लिए एक उत्साहजनक संकेत है।
जागरूकता अभियान का प्रभाव
उपायुक्त प्रदीप दहिया के निर्देशन में विभाग द्वारा निरंतर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इन अभियानों के माध्यम से किसानों को पराली प्रबंधन के पर्यावरणीय लाभ और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। यह जागरूकता पर्यावरण संरक्षण और पराली जलाने की समस्या के समाधान की दिशा में एक अहम कदम है।
किसानों को इस योजना का लाभ उठाने और पर्यावरण संरक्षण में सहयोग देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।