हरियाणा । हरियाणा रोहतक में MDU के पीएचडी स्टूडेंट से साइबर ठगी का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार साइबर ठग ने दोस्त बनकर स्वयं को दसूरे देश में रहने की बताकर एजेंट को पैसे देने का नाम लेकर लाखों रुपयों की ठगी कर ली। जिसके बाद पीड़ित को इस पर ठगे जाने का शक हुआ तो पीड़ित ने मामले की जानकारी साइबर पुलिस थाने रोहतक में दर्ज करवाई। रिपोर्ट दर्ज करके मामले की जाँच करनी शुरू कर दी है।
रोहतक के कृपाल नगर निवासी विश्वजीत ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह MDU में पीएचडी की पढ़ाई कर रहा है। 19 अक्टूबर को उसके वॉट्सऐप पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने अपने आप को विश्वजीत का दोस्त रोहित बताया जो फिलहाल कनाडा में रहता है। वॉट्सऐप पर प्रोफाइल फोटो भी उसके दोस्त रोहित का ही लगा हुआ था और आवाज भी मिलती-जुलती ही थी। जिसके कारण उसे लगा कि उसका दोस्त ही बात कर रहा है। फोन करने वाले ने कहा कि वह अगले महीने भारत आ रहा है, इसलिए उसको कुछ पैसे भेजने है। यह पैसे एजेंट को देने हैं, क्योंकि उस एजेंट ने कनाडा भेजने में मदद की थी।
पीड़ित ने कहा कि फोन करने वाले ने बताया कि उसके एजेंट से पारिवारिक रिश्ते हैं। एजेंट के परिवार में किसी सदस्य को हार्ट का ऑपरेशन होना है। एजेंट की मदद करने व बकाया 3 लाख रुपए देने हैं। जिसके बाद फोन करने वाले ने कहा कि वह खाते में 6 लाख 65 हजार रुपए भेज रहा है। जो पैसे एजेंट के पास भेजने हैं।जिसके बाद पीड़ित से बैंक खाता नंबर व अन्य जानकारी ली। उसने बैंक की 6 लाख 65 हजार की एक रसीद दी और कहा रकम जल्द ही खाते में आ जाएगी। इसके बाद 3 लाख रुपए किसी खाते में डालकर स्क्रीन शॉट एजेंट के पास भेजने के लिए कहा।
इसके बाद एक और फोन आया, जिसने खुद को स्टेट बैंक के हेड ऑफिस मुंबई का कर्मचारी बताया। उसने कहा कि खाते में विदेश से 6 लाख 65 हजार रुपए की ट्रांजेक्शन हुई है। जो 24 घंटे में बैंक खाते में आ जाएगी। उसकी बात पर विश्वास करके एजेंट के खाते में पैसे भेजने की हामी भर दी। वहीं अपने कई दोस्तों के खातों से एजेंट के खाते में पैसे डलवाए।
एजेंट के खाते में 6 लाख रुपए डलवाकर स्क्रीन शॉट भी भेज दिया। वहीं बाद में दोस्त बनकर बात करने वाले ने दोबारा 8 लाख 15 हजार रुपए की रसीद भेजी और दो लाख रुपए जमा करवाने के लिए कहा। मना करने पर अधिक जोर देने लगा तो उस पर शक हुआ। जब बैंक में पता किया तो धोखाधड़ी का पता लगा और इसकी शिकायत पुलिस को दे दी