इस दिशा में राज्य सरकार ने पहल करते हुए अपनी महत्वाकांक्षी मेरा पानी-मेरी विरासत योजना शुरू की है, जिसके अंतर्गत मुख्य उद्देश्य फसल विविधीकरण करते हुए जल संरक्षण सुनिश्चित करना है। बयान में कहा गया, यह योजना काफी कारगर साबित हो रही है और इसकी सफलता को देखते हुए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 42,480 करोड़ लीटर पानी बचाने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के हवाले से कहा गया कि खरीफ 2020 में शुरू हुई मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के अंतर्गत सरकार मक्का, कपास, बाजरा, दालें, सब्जियां और फलों जैसी वैकल्पिक फसलों के साथ धान की फसल में विविधता लाने के लिए किसानों को 7,000 रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। खरीफ-2020 में 41,947 किसानों ने कुल 63,743 एकड़ क्षेत्रफल में फसल विविधीकरण अपनाया और इसके लिए 45 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। इससे कुल 22,565 करोड़ लीटर पानी की बचत हुई।
बयान के अनुसार, इस योजना का कुल लक्ष्य करीब 42,480 करोड़ लीटर पानी बचाना है। 31 जुलाई 2023 तक कुल 32,150 किसानों ने इस योजना के तहत अपनी 70,170 एकड़ फसल का पंजीकरण कराया है। इस बीच, खट्टर ने कहा कि राज्य सरकार ने मिट्टी के स्वास्थ्य को खराब होने से बचाने और हानिकारक कीटनाशकों के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए प्राकृतिक खेती योजना लागू की है।
हरियाणा सरकार आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से फसल विविधीकरण अपनाने वाले किसानों को विशेष प्रोत्साहन दे रही है। इससे ना सिर्फ किसानों की आमदनी बढ़ेगी बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। बयान में कहा गया है कि किसानों का भविष्य फसल विविधता पर केंद्रित होता है।