Alakh Haryana चंडीगढ़, 13 मार्चः हिंडेनबर्ग रिपोर्ट की जांच की मांग को लेकर हरियाणा कांग्रेस ने आज चंडीगढ़ में जोरदार प्रदर्शन किया। ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान के लिए हरियाणा के संयोजक बनाए गए सुभाष चोपड़ा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व में हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजभवन की तरफ मार्च किया। इस मौके पर पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता और विधायक मौजूद रहे। पुलिस ने बैरिकेडिंग करके मार्च को रास्ते में रोकने की कोशिश की। इसके विरोध में पार्टी के 3 कार्यकारी अध्यक्षों, करीब 2 दर्जन विधायकों, पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों समेत सैंकड़ों नेताओं व कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी। गिरफ्तारी के बाद चंडीगढ़ पुलिस थाने में दीपेन्द्र हुड्डा ने हरियाणा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और बेरोजगारी, महंगाई, पुरानी पेंशन स्कीम, बुढ़ापा पेंशन, 100-100 गज के मुफ़्त प्लॉट समेत भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार, घोटालों व झूठे वादों की याद दिलाई। इसी दौरान पार्टी नेताओं ने राज्यपाल प्रतिनिधि को हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जेपीसी जांच की मांग के लिए ज्ञापन सौंपा।इस मौके पर दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार पूरी तरह भ्रष्टाचार में लिप्त हो चुकी है और गलत तरीके से बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचा रही है। सरकार की नीतियों के चलते अमीर और गरीब के बीच अंतर लगातार बढ़ रहा है। कांग्रेस के साथ 18 विपक्षी दल लगातार हिंडेनबर्ग रिपोर्ट की जांच ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी से करवाने की मांग कर रहे हैं। क्योंकि यह मामला सिर्फ एक उद्योगपति से नहीं बल्कि देश के करोड़ों लोगों की पूंजी से जुड़ा हुआ है।
दीपेंद्र हुड्डा ने केंद्र की भाजपा सरकार के साथ प्रदेश की बीजेपी-जेजेपी सरकार पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान अडानी ग्रुप से 25 साल तक सस्ती बिजली खरीदने का करार हुआ था। लेकिन मौजूदा सरकार ने करार की शर्तों में फेरबदल करके अडानी ग्रुप से महंगी बिजली खरीदी और जनता का करोड़ों रुपया लुटा दिया। इतना ही नहीं अडानी ग्रुप द्वारा लिखित करार से मुकर जाने के बावजूद उस पर कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की गई। इसके चलते बिजली निगम को 1144 करोड़ का नुकसान हुआ। इस तरह केंद्र से लेकर प्रदेश तक मौजूदा सरकार बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने में लगी हुई हैं। इसलिए कांग्रेस सड़क से लेकर विधानसभा और संसद तक सरकार के असली चेहरे को उजागर करने में लगी है।
चौधरी उदयभान ने कहा कि अडानी ग्रुप के घोटाले की वजह से एलआईसी और एसबीआई को हजारों करोड़ का घाटा उठाना पड़ा। करीब 10 लाख निवेशकों की गाढ़ी कमाई भी डूब गई। इसलिए हिंडनबर्ग रिपोर्ट की निष्पक्ष जांच जरूरी है। लेकिन सरकार जांच करवाने की बजाए विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए तानाशाही पर उतर आई है। पुलिसिया बल प्रयोग और जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके विपक्ष के नेताओं को दबाने का प्रयास हो रहा है। लेकिन बीजेपी कांग्रेस के इतिहास को जान ले। कांग्रेस वह पार्टी है जिसने दुनिया के सबसे क्रूर ब्रिटिश साम्राज्य का सामना किया और उसे देश से उखाड़ फेंका। कांग्रेसजन मौजूदा सरकार की तानाशाही का भी बिना डरे डटकर मुकाबला करेंगे।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार की नीतियों के खिलाफ कांग्रेस का संघर्ष रुकने वाला नहीं है। राजभवन मार्च के बाद विधानसभा सत्र, उसके बाद 2 अप्रैल को ‘विपक्ष आपके समक्ष’ कार्यक्रम, और फिर 14 अप्रैल की ‘पर्दाफाश रैली’ के मंच से भी जनहित के मुद्दों को कांग्रेस पुरजोर तरीके से उठाएगी।इस मौके पर सुभाष चोपड़ा ने पुलिसिया जोर-जबरदस्ती और सरकारी तानाशाही की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि सरकार की इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि वह हिंडनबर्ग रिपोर्ट के खुलासे को दबाना और अडानी को बचाना चाहती है। लेकिन सच्चाई को दबाने की जितनी कोशिश होती है, वह उतनी ही ताकत से उभरकर बाहर आती है।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच की मांग और बीजेपी-जेजेपी की कुनीतियों के खिलाफ प्रदर्शन में आज सैंकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं संग भाग लिया।
अध्यक्ष चौधरी उदयभान जी और सांसद दीपेंद्र हुड्डा जी को पुलिस ने हिरासत में लिया।
अगर सब ठीक है तो जांच से कैसा बैर? #Hidenburg pic.twitter.com/A1Tsefw13U— Prof. Sampat Singh (@SampatS1) March 13, 2023