हरियाणा के फतेहाबाद में दुष्कर्म के आरोपी डॉक्टर को सजा देने की कोशिश करने वालों को भारी कीमत चुकानी पड़ी। अदालत ने डॉक्टर का मुंह काला कर उसे अर्धनग्न अवस्था में घुमाने और मारपीट करने के मामले में नौ लोगों को दोषी करार दिया है। दोषियों में विधानसभा चुनाव लड़ चुका नेता काका चौधरी और दो पूर्व पार्षद भी शामिल हैं।
क्या है पूरा मामला?
घटना अक्टूबर 2017 की है, जब फतेहाबाद के प्राइवेट अस्पताल में काम करने वाले डॉ. जिम्मी जिंदल पर एक युवती से दुष्कर्म का आरोप लगा था। पीड़िता की मां के अनुसार, इलाज के बहाने डॉक्टर ने युवती को नशे की दवा देकर उसे अपने घर ले गया और वहां उसके साथ गलत हरकत की। जब युवती ने परिजनों को आपबीती सुनाई, तो गुस्साए लोगों ने डॉक्टर को पकड़कर अस्पताल से बाहर निकाला, उसका मुंह काला किया, कपड़े फाड़े और शहर में घुमाते हुए पुलिस थाने तक ले गए।
कोर्ट का फैसला
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव की अदालत ने 9 दोषियों—राजेंद्र चौधरी उर्फ काका, बलजीत बिट्टा, कृष्ण कुमार, अनिल कुमार, पूर्व पार्षद सुभाष पपिया, प्रेम सागर, सुभाष रायल, वीरेंद्र और रमन कुमार—को दोषी ठहराया है। इनमें से काका चौधरी 2024 में निर्दलीय विधानसभा चुनाव भी लड़ चुका है और उसे 5,816 वोट मिले थे।
डॉक्टर को भी मिली थी सजा
इस मामले में डॉक्टर जिम्मी जिंदल को भी रेप का दोषी पाया गया था। सितंबर 2021 में कोर्ट ने उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 376-C के तहत साढ़े पांच साल की सजा सुनाई थी।
आगे क्या?
अदालत 19 मार्च को दोषियों को सजा सुनाएगी। एक आरोपी की पहले ही मृत्यु हो चुकी है।