हरियाणा। हरियाणा में शीतकालीन सत्र के बाद मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल होने का मामला सामने आया है।दरअसल सीएम मनोहर लाल ने राज्यपाल से मुलाकात की है जिसमें अंदाजा लगाया जा रहा है कि शीतकालीन सत्र के बाद हरियाणा के मंत्रिमंडल के कुछ विभागों में फेरबदल किया जायेगा। सियासी गलियारों में ये भी चर्चा है की जहां एक तरफ जेजेपी से गठबंधन को लेकर किनारा करने तो वहीं दूसरी तरफ अनिल विज की नाराजगी और अन्य वजयों के चलते भी फेरबदल किया जा रहा है।
मंगलवार रात को भाजपा नेताओं व संघ के पदाधिकारियों के साथ सीएम मनोहर लाल ने बैठक की थी। बुधवार को सीएम राजभवन में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मिले। इससे मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चाओं को और बल मिला है। बताया जा रहा है कि 30 मिनट की बातचीत में कुछ नियुक्तियों को लेकर भी चर्चा हुई है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद हरियाणा सरकार में भी सरगर्मी तेज हो गई हैं। हरियाणा में जल्द ही मंत्रिमंडल में फेरबदल किए जाने की तैयारी है। भाजपा व जजपा कोटे से नए चेहरे दिख सकते हैं। कुछ मंत्रियों के विभाग भी बदले जा सकते हैं। यह बदलाव 15 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बाद होगा। राज्य सरकार का अभी 10 महीने का कार्यकाल बचा है।
सरकार द्वारा मंत्रिमंडल में फेरबदल की तैयारी की 4 बड़ी वजह बताई जा रही हैं। पहली वजह तो अनिल विज और CMO के विवाद को माना जा रहा है। इसके साथ ही सरकार में सहयोगी जननायक जनता पार्टी (JJP) से किनारा करने को लेकर भी बहाने की तलाश कर रही है।कई मंत्रियों के विभागों में कामकाज को लेकर भी केंद्रीय नेतृत्व एतराज जता चुका है, जिसके बाद सीएम मनोहर इनके विभागों में बदला कर अपने पास रख सकते हैं। इसके साथ ही कुछ निर्दलीय विधायकों को साधना भी सरकार की मजबूरी बना हुआ है।
सियासी गलियारों में यह माना जा रहा है कि भाजपा एकदम से जेजेपी से किनारा नहीं करेगी, लेकिन यदि सीएम मनोहर लाल अब मंत्रिमंडल का विस्तार करते हैं तो संभावना है कि जेजेपी विधायकों को मिले विभागों पर वह कैंची चला सकते हैं। यह भी कहा जा रहा है डिप्टी सीएम से भी कुछ बड़े महकमे सीएम वापस ले सकते हैं, इसे जजपा ने अगर बर्दाश्त कर लिया तो ठीक वर्ना दोनों पार्टियों के रास्ते अलग होने की संभावना है।
गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज पिछले कुछ दिनों से CMO के उनके हेल्थ डिपार्टमेंट में दखल के बाद नाराज चल रहे हैं। यही कारण है कि वह पिछले दो महीने से स्वास्थ्य विभाग का कामकाज नहीं देख रहे हैं। इसको लेकर सीएम के साथ उनकी मीटिंग भी हो चुकी है। विज ने यह भी कह दिया है कि वह 15 दिसंबर को शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में विभाग से जुड़े सवालों का जवाब भी नहीं देंगे। ऐसे में अब उनसे हेल्थ वापस लेकर खेल विभाग दिए जाने के पूरे आसार हैं।
हरियाणा में जजपा के साथ 7 निर्दलीय विधायक सरकार में अपना समर्थन दे रहे हैं। ये विधायक लगातार पार्टी प्रभारी बिप्लब देब और सीएम मनोहर लाल से मिल रहे हैं। पिछले दो दिनों में भी सीएम और पार्टी प्रभारी के साथ निर्दलीय विधायक संपर्क बनाए हुए हैं। वह लगातार दबाव बना रहे हैं कि जजपा से गठबंधन तोड़कर सरकार में उन्हें शामिल करें। हालांकि अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया है, लेकिन पांच राज्यों के चुनाव के बाद भाजपा हरियाणा में नए चेहरों की तलाश में जुट गई है