ALAKHHARYANA.COM सिरसा/चंडीगढ़, 10 अक्टूबर। जननायक जनता पार्टी के प्रधान महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला ने गुरुग्राम के मानेसर में हुई रैली के दौरान किसी भी प्रकार का कोई विरोध न होने पर योगेंद्र यादव व गुरनाम चढूनी के दोहरे चरित्र को एक्सपोज किया है। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के चेहरे किसान आंदोलन में दोहरी भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह से उजागर हो गए हैं। दिग्विजय ने कहा कि उनके द्वारा खुली चुनौती देने के बावजूद भी योगेंद्र यादव भीगी बिल्ली बने रहे। उन्होंने कहा कि इससे जग जाहिर होता है कि एक एजेंडे के तहत कांग्रेसियों को फायदा पहुंचाने के लिए ये दोनों नेता काम कर रहे है और ये लोग दिनों-दिन उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की बढ़ रही लोकप्रियता से घबराएं हुए है। दिग्विजय चौटाला रविवार को सिरसा में आयोजित एक पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे है।
जेजेपी प्रधान महासचिव ने कहा कि अब तक स्वयं को किसान हितैषी घोषित करने पर आमादा योगेंद्र यादव व गुरनाम चढूनी सीएम मनोहर लाल व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का पुरजोर विरोध करवाने के लिए हरियाणा में जगह-जगह किसानों को उकसाते है, मगर आज गुरुग्राम के मानेसर में हुई रैली के विरोध में उनके एक भी स्वर न फूटना उनके दोहरे चरित्र को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि इसका अर्थ यही निकलता है कि कहीं न कहीं जानबूझकर एक एजेंडे के तहत मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री को टारगेट करके विरोध हो रहा है।
दिग्विजय ने स्पष्ट किया कि यदि इस बार योगेंद्र यादव अथवा गुरनाम चढूनी डिप्टी सीएम का विरोध करेंगे तो वे अपने कार्यकर्ताओं के साथ उनसे पिक एंड चूज की नीति के तहत हरियाणा वासियों को बरगलाने का मतलब पूछेंगे? उन्होंने कहा कि आज एक नौजवान उपमुख्यमंत्री के तौर पर दुष्यंत चौटाला हरियाणा को विकास की डगर पर दौड़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है, ऐसे में कई लोगों को यह रास नहीं आ रहा। उन्होंने कहा कि दुष्यंत चौटाला चौ. देवीलाल का खून हैं और जिनका सिद्धांत सभी वर्गों को लाभान्वित करना है।
साथ ही दिग्विजय ने केंद्र व हरियाणा सरकार से आग्रह करते हुए योगेंद्र यादव की स्वराज इंडिया पार्टी के संचालन में विदेशी हाथ होने की आशंका होने के चलते इसकी गहराई से जांच करवाने की मांग की। उन्होंने कहा कि योगेंद्र यादव हरियाणा में आपसी भाईचारे को खत्म करने की कोशिश कर रहे है। वहीं दिग्विजय ने सभी किसान नेताओं से अपील की कि किसी भी समस्या के समाधान के लिए संवाद का होना बेहद जरूरी है और इसके लिए डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने हमेशा पेशकश की है कि वे उनके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों या देश के गृहमंत्री अमित शाह, किसी भी नेता से मिलकर तीनों कानूनों के संदर्भ में चर्चा कर सकते हैं और उन्हें पूरा भरोसा है कि इस समस्या का समाधान बातचीत से ही निकलेगा इसलिए किसान नेताओं को केंद्र से चर्चा के लिए आगे आना चाहिए।