हरियाणा। पहलवान साक्षी मालिक ने कुश्ती संघ की अध्यक्ष बनने को लेकर अपनी इच्छा जाहिर की है।साक्षी मालिक ने शुक्रवार को साक्षात्कार का एक वीडियो एक्स पर शेयर किया।इसमें उन्होंने कहा कि वो कुश्ती में सुधार के लिए डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष बनना चाहती हैं। उन्होंने कहा “पहले मैं डरती थी कि अगर मैं भारतीय कुश्ती संघ की अध्यक्ष बनने को लेकर सोचूंगी तो लोग आरोप लगाएंगे। वे कहेंगे कि ये लोग इसलिए ही विरोध कर रहे थे क्योंकि ये अपना कब्ज़ा चाहते हैं, लेकिन अब मैं कहूंगी कि हां, मैं क्यों नहीं बन सकती! मैं अनुभवी हूं, मुझे जानकारी है, पढ़ी-लिखी हूं। मैं क्यों नहीं संभाल सकती अपने कुश्ती संघ को। ”
लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर कहा
साक्षी मलिक ने कहा “कुश्ती मेरा पैशन है। मेरा प्यार है। पिछले 20 साल से कुश्ती खेल रही हूं। इसने मुझे इतना कुछ दिया, इसे छोड़ना आसान नहीं है। ओलंपिक मेडलिस्ट खिलाड़ी के कुश्ती छोड़ने से ही सुधार आए, यही सोचकर कुश्ती खेलने से संन्यास लिया, ऐसा नहीं हुआ। इसी कारण संघ अध्यक्ष बनना चाहती हूं। हालांकि उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर फिलहाल उनका कोई विचार नहीं है। भविष्य का कुछ पता नहीं। ”
बृजभूषण को लेकर कहा
साक्षी मालिक द्वारा शेयर वीडियो में उन्होंने बृजभूषण को लेकर भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमने लंबा संघर्ष किया है। जनवरी में पहला प्रदर्शन हुआ था। इसमें नामी खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। शुरू में लगा था कि हमारी बात सुन ली जाएगी। यह भी पता था कि बृजभूषण ताकतवर है। यह नहीं पता था कि वह इतना ताकतवर है कि साल बाद भी लड़ाई चल ही रही है।
उन्होंने कहा कि आवाज पहले भी उठी। यह आवाज अकेली महिला खिलाड़ी ने उठाई। आवाज को आसानी से दबा दिया गया। अब तक आरोपों से बचने का प्रयास रहा, मगर अब मौका मिला तो कुश्ती संघ का चुनाव जरूर लडूंगी। मैं शुरू में सोचती थी कि लोग कहेंगे इन्हें तो फेडरेशन पर कब्जा चाहिए, इसलिए प्रदर्शन कर रहे हैं। यही सोचकर पहले कभी पद नहीं लिया। कुश्ती संघ में आकर नए खिलाड़ियों के लिए काम करूंगी। ग्राम और अखाड़ा स्तर पर खिलाड़ियों को अच्छी डाइट व अवसर मुहैया कराने का प्रयास रहेगा।
बहन-बेटियों की लड़ाई लड़ रहे हैं
साक्षी ने कहा कि हम कोई अलग लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं। बहन-बेटियों की लड़ाई लड़ रहे हैं। कुश्ती ही नहीं, ऐसा हर जगह है, इसलिए इसमें सुधार हो। संजय सिंह ने न कभी कुश्ती की, न कभी इससे जुड़ा रहा। फिर क्यों उसी को वोट गए। जिस सिस्टम में बृजभूषण सरीखे लोग हैं, उसमें मैं कुश्ती नहीं खेल सकती। निराश होकर कुश्ती नहीं खेलने का फैसला लिया। मेरा प्रयास रहेगा कि उनके लिए लडूं। अपनी जूनियर को प्रोत्साहित कर सकू, ताकि वह देश के लिए स्वर्ण पदक जीत सकें।