पहलवान साक्षी मलिक की माँ को धमकी मिलने का मामला सामने आया है। दरअसल भारतीय कुश्ती संघ से विवाद के बीच रेसलर साक्षी मलिक ने एक और बड़ा खुलासा किया है। इस दौरान साक्षी मलिक ने बताया कि उनकी माँ को बृजभूषण के आदमी ने कॉल करके धमकी दी है। साक्षी मालिक ने सरकार से गुहार की कि उनकी सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है।
आपको बता दें कि दिल्ली स्थित रेलवे कॉलोनी पहाड़गंज में उन्होंने पत्रकार वार्ता की। जिसमें उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों से बृजभूषण के आदमी फिर से एक्टिव हो गए हैं, इसी बीच उनकी मां सुदेश के पास एक कॉल आई जिसमें धमकी दी गई है।धमकी देने वाले ने कहा कि ” अब जल्द ही जल्द आपके घर में किसी पर केस दर्ज होने वाला है। जिस पर हम एक्शन भी लेंगे। साक्षी ने कहा कि मैं अपनी यह बात पहुंचाना चाहती हूं कि हम सुरक्षित रहे, यह सरकार की जिम्मेदारी है। क्योंकि जब से हमने बृजभूषण के खिलाफ लड़ाई शुरू की है वह कोई न कोई प्रोपेगैंडा चला रहा है। वह कभी हरियाणा यूपी का रूप दे रहा है। कभी जातिवाद का रूप दे रहा है। अब परिवार पर अटैक किया जा रहा है।
जूनियर चैम्पियनशिप की भी घोषणा करें एडहॉक कमेटी
साक्षी ने कहा कि मैंने 21 दिसंबर को संन्यास लिया है और सरकार ने नई फेडरेशन को निलंबन किया है उसका मैं स्वागत करती हूं। जैसे ही चुनाव हुए बृजभूषण ने जो बेहूदगी की है वह पूरे देश ने देखा है। 2 घंटे के भीतर उसने अपने ही गृह क्षेत्र में नेशनल चैंपियनशिप रख दी। बृजभूषण ताकतवर है, लेकिन इतना ताकतवर है इसका हमें पता नहीं था। अब वह पिछले कुछ दिनों से आरोप लग रहा है कि हमने जूनियर बच्चों का हक खत्म कर दिया है। जबकि मैंने संन्यास ले लिया है। अब मैं यह चाहती हूं कि जो जूनियर बच्चे हैं वह मेरा सपना पूरा करें। मैंने ब्रॉन्ज मेडल जीता है। मैं चाहती हूं कि पेरिस ओलिंपिक में 62 किलोग्राम वर्ग में जो भी महिला खिलाड़ी हो वह गोल्ड या सिल्वर जीते। एडहॉक कमेटी ने नेशनल चैंपियनशिप की घोषणा की है, मैं चाहती हूं कि वह अंडर 15-17 और 20 की भी जल्द घोषणा करें। मैं नहीं चाहती कि हमारी वजह किसी भी जूनियर खिलाड़ी का नुकसान हो।
रिटायरमेंट वापसी पर साक्षी मलिक ने कहा कि अभी मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा, क्योंकि मुझे ऐसी उम्मीद नहीं थी कि दोबारा फिर से बृजभूषण का ही आदमी अध्यक्ष बनेगा। मैं अभी के लिए कुछ नहीं कह सकती कि आगे क्या करूंगी। फिलहाल यही है कि जूनियर खिलाड़ी खेले और उन्हें मौका दिया जाए। सरकार से भी यही निवेदन करूंगी कि आपने बृजभूषण को भी देख लिया है। अब अगर दोबारा वह नहीं आएगा तो ही बच्चियों के लिए बेहतर होगा।
उन्होंने कहा मैं पिछले 1 साल से मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ना झेल रही हूं। मैं यह नहीं कहती की फेडरेशन में मैं आऊंगी, लेकिन महिलाओं की भागीदारी ज्यादा होगी तो ही बच्चियां सेफ जोन में खेल पाएगी। अनीता श्योराण अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन फेडरेशन में एक भी महिला चुनी नहीं गई। अगर अध्यक्ष अनीता होती लड़कियां आसानी से अपनी बात उनको कह सकेगी।
साक्षी मालिक ने कहा कि उनको नई फेडरेशन से कोई दिक्कत नहीं थी, सिर्फ संजय सिंह से दिक्कत थी। अब नई कार्यकारिणी जो भी आएगी उससे भी दिक्कत नहीं है और हमें एडहॉक कमेटी से भी कोई समस्या नहीं है। सरकार हमारे लिए मां-बाप के समान है। मैं अभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से अपील करूंगी की संजय सिंह अभी भी जिस तरह आंखें दिखा रहा है, उसका फेडरेशन में कभी कोई इंटरफेयर न हो। ताकि नए बच्चे – बच्चियां सुरक्षित महसूस करें।
आपको बता दें कि भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के करीबी की जीत के विरोध में ही 21 दिसंबर को ओलिंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया था। इसके बाद 22 दिसंबर को पहलवान बजरंग पूनिया ने भी पद्मश्री लौटा दिया था। वहीं, विनेश फोगाट ने 30 दिसंबर को खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड लौटा दिए थे। वहीं, गूंगा पहलवान ने भी पद्मश्री लौटाने की घोषणा कर दी थी।