Haryana में यमुना(Yamuna) में हो रहे अवैध रेत खनन से यमुना नदी का जल स्तर गिरता जा रहा है। दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि पड़ोसी राज्य में अवैध तरीके से रेत खनन कर रहा है, जिस कारण जल स्तर करीब तीन फुट घट गया।
यही वजह है कि दिल्ली जल संकट का सामना कर रही है। दिल्ली को प्रतिदिन करीब 125 करोड़ गैलन जल की आवश्यकता है, जबकि दिल्ली जल बोर्ड करीब 95 करोड़ गैलन की ही आपूर्ति करता है। दिल्ली को 40 प्रतिशत जल ही यमुना से मिलता है।
भारद्वाज ने कहा कि अभी महज फरवरी-मार्च है और दिल्ली में स्थिति पिछले साल के मई महीने जैसी है। इसका मतलब है कि आगामी महीनों में समस्या और बढ़ने वाली है। प्राधिकारों ने इस साल अभूतपूर्व गर्मी पड़ने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है।
रेत माफिया ने यमुनानगर में यमुना नदी में कई मेढ़ बना दी है और यह दिल्ली की ओर आने वाले जल के प्रवाह को बाधित कर रही है। यमुना का जल स्तर 674.5 फुट के वांछित स्तर की तुलना में अभी 671.7 फुट है।
जल बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि जल संकट न सिर्फ आम लोगों को, बल्कि संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, राजनिवास, मुख्यमंत्री कार्यालय और केंद्र तथा राज्य सरकार के विभागों को भी प्रभावित करने जा रहा है।
यमुना का जल स्तर घटने से वजीराबाद का चंद्रावल जल शोधन संयंत्र प्रभावित हुआ है, जहां से मध्य और दक्षिण दिल्ली में जलापूर्ति होती है। उन्होंने कहा, लेकिन (जल संकट की) यह स्थिति गर्मी के चलते नहीं है, बल्कि हरियाणा में धड़ल्ले से रेत खनन किये जाने के कारण है। उन्होंने आगे कहा कि हमें अब अन्य इलाकों से जल प्रभावित इलाकों में ले जाना होगा, जिसका मतलब है कि इससे पूरा शहर प्रभावित होगा।