नई दिल्ली, 12 दिसंबर – भारतीय ग्रैंड मास्टर गुकेश डोमराजू ने इतिहास रचते हुए सबसे कम उम्र में विश्व शतरंज चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया है। उन्होंने चीन के डिंग लिरेन को हराकर यह ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त की। 14वें और अंतिम गेम में अपनी रणनीतिक और मानसिक मजबूती का प्रदर्शन करते हुए गुकेश ने यह मुकाबला जीतकर भारत को गर्वित किया।
गुकेश की इस जीत ने भारत के लिए शतरंज की दुनिया में एक और मील का पत्थर जोड़ा है। इससे पहले, भारत की ओर से वर्ष 2012 में विश्वनाथन आनंद विश्व शतरंज चैंपियन बने थे। उनकी इस उपलब्धि ने देश में शतरंज को एक नई पहचान दी थी।
गुकेश ने अपने खेल के दौरान अद्वितीय धैर्य और कुशलता का प्रदर्शन किया, जिसने उन्हें शतरंज की सर्वोच्च प्रतिस्पर्धा में शीर्ष पर पहुंचाया। उनकी सफलता भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी, जो खेल की दुनिया में अपना नाम रोशन करना चाहते हैं।
शतरंज की दुनिया में इस ऐतिहासिक जीत के साथ, गुकेश ने न केवल अपनी प्रतिभा को साबित किया, बल्कि भारत के शतरंज प्रेमियों के लिए भी गर्व और उत्साह का माहौल बनाया। उनकी इस जीत पर देशभर से बधाइयों का तांता लग गया है। Grand Master Gukesh Domraju becomes the youngest world chess champion