हरियाणा की राजनीति और प्रशासनिक गलियारों में सोमवार को एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया जब मुख्यमंत्री नायब सैनी के कार्यालय (CMO) में अधिकारियों के बीच विभागों का नया बंटवारा किया गया। इस बदलाव का सबसे प्रमुख पहलू यह रहा कि वरिष्ठ आईएएस और मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजेश खुल्लर के कार्यक्षेत्र को सीमित कर दिया गया है। वहीं पूर्व कुलपति डॉ. राज नेहरू की CMO में बतौर OSD एंट्री को सत्ता समीकरणों में एक मजबूत संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
खुल्लर अब भी ओवरऑल इंचार्ज, लेकिन विभाग घटे
राजेश खुल्लर अब भी मुख्यमंत्री कार्यालय के ओवरऑल इंचार्ज रहेंगे, लेकिन उनके पास पहले जहां 21 विभागों की जिम्मेदारी थी, अब वह केवल 16 विभागों का प्रभार संभालेंगे। इनमें वित्त, गृह, स्वास्थ्य, उद्योग, सूचना एवं जनसंपर्क, सिंचाई, विधि एवं विधायी कार्य जैसे महत्वपूर्ण विभाग शामिल हैं। इसके अलावा, मुख्यमंत्री कार्यालय, राजभवन मामले, और मंत्रिपरिषद के प्रस्तावों से जुड़े विधायी कार्यों की ज़िम्मेदारी भी उनके पास रहेगी।
यह बदलाव शायद कार्यभार संतुलन, प्रशासनिक दक्षता और नए चेहरों को अवसर देने की रणनीति का हिस्सा है।
डॉ. राज नेहरू की वापसी: युवाओं से जुड़े विभागों की कमान
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के करीबी माने जाने वाले डॉ. राज नेहरू की मुख्यमंत्री कार्यालय में वापसी को एक रणनीतिक नियुक्ति माना जा रहा है। वे अब OSD के रूप में फ्यूचर डिपार्टमेंट, हायर एजुकेशन, यूथ इम्पावरमेंट और आंत्रप्रन्योरशिप जैसे तीन प्रमुख विभाग देखेंगे।
डॉ. नेहरू कौशल विकास और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर चुके हैं, और उनकी नियुक्ति को सरकार के युवा केंद्रित विज़न से जोड़ा जा रहा है।
IAS अधिकारियों की नई भूमिका
अरुण कुमार गुप्ता (IAS) – 11 विभाग
इनके पास अब सिविल एविएशन, पर्यावरण, खान एवं खनन, ट्रांसपोर्ट, और मुख्यमंत्री घोषणाओं के कार्यान्वयन जैसे विविध विभागों की ज़िम्मेदारी है।
साकेत कुमार (IAS) – 9 विभाग
कृषि, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन, सैनिक कल्याण जैसे ग्रामीण और सामाजिक क्षेत्र के महकमों की कमान।
यशपाल (IAS) – 8 विभाग
स्कूल शिक्षा, खेल, पर्यटन, पुरातत्व जैसे शिक्षा और संस्कृति से जुड़े विभागों की जिम्मेदारी।
HCS अधिकारियों की नियुक्तियां
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विवेक कालिया: सीएम विंडो और जनसंवाद
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सुधांशु गौतम: सरकारी आवास, मुख्यमंत्री राहत कोष, HRDF, वक्फ बोर्ड
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राकेश संधू: सीएम विंडो और शिकायत निवारण
इन अधिकारियों की नियुक्ति से CMO की जमीनी समस्याओं से जुड़े तंत्र को मज़बूती मिलने की उम्मीद है।
निष्कर्ष: सैनी सरकार के ‘CMO मोड’ का संदेश
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भले ही प्रशासनिक ढांचा अपने पूर्ववर्ती से विरासत में पाया हो, लेकिन अब उन्होंने अपने हिसाब से टीम तैयार करनी शुरू कर दी है। राजेश खुल्लर की सीमित भूमिका और राज नेहरू की एंट्री इस दिशा में पहला ठोस कदम है। इसमें जहां अनुभव और वरिष्ठता का संतुलन है, वहीं युवाओं, शिक्षा और तकनीक पर ध्यान केंद्रित करने की झलक भी मिलती है।