Rahul Gandhi Caste Census के मुद्दे पर काफी आक्रामक तेवर दिखा रहे हैं। जातिगत जनगणना के मुद्दे पर कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर को कठघरे में खड़ा किया है। कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जातिगत जनगणना से डर लगता है। कांग्रेस के इस तीखे हमले से एक दिन पहले सांसद राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ दौरे पर भी ओबीसी वर्ग के लोगों का मुद्दा उठाया। उन्होंने जातिगत जनगणना को भारत का एक्स-रे बताया और कहा जातिगत जनगणना का डेटा जनता के हाथ में आने पर देश में सब लोगों की भागीदारी बढ़ेगी।
राहुल गांधी ने कहा, लोक सभा में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी करने से सरकार डरती क्यों है? राहुल ने केंद्र सरकार पर दिखावा करने का आरोप लगाते हुए कहा, सरकार की तरफ से मंत्रियों ने कहा कि ओबीसी कैटेगरी से कई विधायक-सांसद और मंत्री चुने गए हैं, लेकिन सरकार ये लोग नहीं चलाते। जनता से जुड़े फैसले नौकरशाह यानी सचिव और कैबिनेट सचिव लेते हैं। इसके बावजूद चौंकाने वाली बात है भारत सरकार में 90 सचिवों में से केवल 3 ही ओबीसी हैं।
PM मोदी जातिगत जनगणना से इतना डरते क्यों हैं?
डरिए मत- जाति जनगणना का डेटा सामने लाइए।
अगर OBC, दलित, आदिवासी और महिलाओं को भागीदारी देनी है तो जाति जनगणना करवानी ही पड़ेगी।
अगर मोदी सरकार ये नहीं करेगी, तो कांग्रेस जातिगत जनगणना कराएगी और जनता को उसका हक दिलाएगी।
: आवास… pic.twitter.com/g0eQFrnNez
— Congress (@INCIndia) September 25, 2023
भारत सरकार से जाति आधारित जनगणना की अपील करते हुए राहुल गांधी ने कहा, इससे पता चल सकेगा कि कितने लोग एससी, एसटी, दलित और सामान्य वर्ग के हैं। महिलाओं की वास्तविक संख्या भी इससे पता लग सकेगी। कांग्रेस पार्टी नीत यूपीए के कार्यकाल में हुई जनगणना के आंकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग दोहराते हुए राहुल गांधी ने सवाल किया, क्या हिंदुस्तान में केवल पांच फीसद ओबीसी हैं? सरकार को जनता को सच्चाई बतानी चाहिए।
PM मोदी को जातिगत जनगणना से डर लगता है. pic.twitter.com/xs2AnvJbtv
— Congress (@INCIndia) September 26, 2023
महिला आरक्षण विधेयक संसद से पारित कराने के बाद राजनीतिक लीड लेने की कोशिश कर रही भाजपा के लिए ओबीसी के आंकड़े और जातिगत जनगणना की डिटेल सार्वजनिक करने की मांग गले की फांस बन सकती है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियां जाति आधारित जनगणना की लंबे समय से मांग कर रही हैं। इन सबके बीच छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प हो सकते हैं। इनका असर अगले साल होने वाले लोक सभा चुनाव में भी पड़ने की पूरी संभावना है।