शिक्षा।10 वीं -12 वीं के छात्रों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। एजुकेशन मिनिस्टर ने एलान करते हुए कहा कि अगले सेशन 2025-26 से बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। दो बार परीक्षा देने की स्थिति में उनके बेस्ट स्कोर को ही फाइनल माना जाएगा। साल मे दो बार बोर्ड परीक्षा का एलान एजुकेशन मिनिस्टर धर्मेंद प्रधान ने एक कार्यक्रम के दौरान किया। कुछ समय पहले एक साक्षात्कार में उन्होंने ये भी कहा था कि कैंडिडेट्स के पास विकल्प होगा कि वे जिस परीक्षा में चाहें, उसमें बैठें। वे एक बार एग्जाम देना चाहते हैं तो एक बार दें, दो बार देना चाहते हैं तो दो बार दें। अगर एक बार परीक्षा देकर संतुष्ट हैं तो दूसरी बार की परीक्षा में शामिल न हों।
एक मौका और मिलेगा
साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं कराने का केवल एक मकसद है बच्चों के ऊपर से एग्जाम स्ट्रेस कम करना। अगर वे एक परीक्षा के दौरान खुद को तैयार नहीं पाते हैं तो एग्जाम स्किप कर सकते हैं। इसी के साथ अगर एक बार पेपर अच्छे नहीं होते या उन्हें लगता है कि वे इससे बेहतर कर सकते हैं तो दोबारा मिलने वाले मौके का फायदा उठा सकते हैं।
एनईपी के तहत होंगे बदलाव
इस बारे में एजुकेशन मिनिस्टर ने कहा कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 का एक लक्ष्य ये भी है कि स्टूडेंट्स के ऊपर से स्ट्रेस कम किया जाए। इसी के तहत अगले सेशन यानी साल 2025-26 से दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी।
पिछले साल हुई थी घोषणा
न्यू क्यूरिकुलम फ्रेमवर्क में पिछले साल घोषणा की गई थी कि बोर्ड एग्जाम साल में दो बार होंगे ताकि स्टूडेंट्स के पास परीक्षा में अच्छा करने का भरपूर मौका और समय हो। वे अपने बेस्ट स्कोर को रख सकते हैं। शिक्षा मंत्री छत्तीसगढ़ में पीएम स्कीम के उद्धघाटन के मौके पर एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।