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111 साल का हो गया बिहार, बिहार बनने की कहानी यहाँ पढ़े

पटना: 22 मार्च को बिहार 111 साल का हो गया है. यानी आज का दिन बिहार दिवस (Bihar Diwas ) के रूप में मनाया जाता है. बिहार का जन्म आज ही के दिन 1912 में हुआ था जब बिहार राज्य को बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग कर बनाया गया था। उस समय ओडिशा और बिहार एक ही हुआ करते थे। वर्ष 1936 में बिहार और ओडिशा अलग-अलग राज्य बने।

बक्सर की लड़ाई 22 अक्टूबर, 1764 को हेक्टर मुनरो के नेतृत्व वाली ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना और बंगाल के नवाब, अवध के नवाब और मुगल राजा शाह आलम द्वितीय की संयुक्त सेना के बीच लड़ी गई थी। इस लड़ाई में ईस्ट इंडिया कंपनी की जीत हुई। इस हार के बाद मुगलों और नवाबों ने अपना नियंत्रण खो दिया और दीवानी के अनुसार ईस्ट इंडिया कंपनी को राजस्व संग्रह और प्रबंधन का अधिकार मिल गया। उस समय बंगाल प्रेसीडेंसी में पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, उड़ीसा और वर्तमान बांग्लादेश शामिल थे। फिर 1911 में दिल्ली को राजधानी बनाया गया। 21 मार्च, 1912 को, थॉमस गिब्सन कारमाइकल ने बंगाल के नए राज्यपाल के रूप में पदभार ग्रहण किया और घोषणा की कि अगले दिन, 22 मार्च से, बंगाल प्रेसीडेंसी को बंगाल, उड़ीसा, बिहार और असम में विभाजित किया जाएगा।

आखिर इस राज्य का नाम बिहार कैसे और कब पड़ा। इस संबंध में इतिहासकारों का मत है कि बिहार का नाम बौद्ध विहारों के विहार शब्द से बना है। विहार के बजाय इसे बिहार से संबोधित किया जाने लगा। बिहार शब्द संस्कृत और पाली शब्द विहार अर्थ मठ से लिया गया है। बिहार बौद्ध संस्कृति का जन्म स्थान है, जिसके कारण इस राज्य का नाम पहले विहार और फिर बिहार पड़ा। बिहार को पहले मगध के नाम से जाना जाता था। बिहार की राजधानी पटना का नाम पहले पाटलिपुत्र था। यह क्षेत्र गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के उपजाऊ मैदानों में स्थित है। वर्ष 1912 में बंगाल के विभाजन के बाद बिहार नामक राज्य की स्थापना हुई, जिसके बाद यह राज्य अस्तित्व में आया।

हिन्दू पुराणों के अनुसार माता सीता का जन्म भी बिहार में हुआ था। भगवान राम और माता सीता का मिलन भी इसी राज्य में हुआ था। बुद्ध और जैन धर्म की उत्पत्ति बिहार से ही हुई है। भगवान बुद्ध (गौतम बुद्ध) और महावीर इसी राज्य में पैदा हुए थे। नालंदा विश्वविद्यालय बिहार में ही दुनिया का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। 12वीं सदी के बाद इस खूबसूरत जगह को तोड़-मरोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इस जगह के खंडहर होने के बावजूद साल 2016 में इस जगह को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया गया था। विश्व प्रसिद्ध गणितज्ञ आर्यभट्ट भी बिहार के ही थे। कामसूत्र पुस्तक लिखने वाले प्रसिद्ध दार्शनिक वात्स्यायन भी बिहार के ही थे। सिखों के 10वें गुरु गुरु गोविंद सिंह का जन्म भी बिहार में हुआ था। हरमिंदर तख्त यानी पटना साहिब पटना में है. बिहार का वैशाली जिला विश्व का प्रथम गणतंत्र माना जाता है। भारत के प्रसिद्ध सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य, विक्रमादित्य और सम्राट अशोक भी बिहार से हैं।

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