मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में BJP Kailash Vijaywargiya पर दांव लगा रही है। इंदौर प्रथम सीट से टिकट मिलने के 24 घंटे बाद भी कैलाश विजयवर्गीय कह रहे हैं कि उन्हें यकीन नहीं है कि वे चुनाव लड़ने वाले हैं। एक चौंकाने वाले बयान में कद्दावर भाजपाई कैलाश ने कहा, उनकी चुनाव लड़ने की एक फीसद भी इच्छा नहीं थी, लेकिन शायद भगवान की मर्जी कुछ और है।
दरअसल, मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों पर आम चुनाव इस साल के अंत में होंगे। विधानसभा चुनाव 2023 के लिए प्रत्याशियों के चयन में भाजपा ने एक बार फिर सरप्राइज किया है। एमपी में जिन 78 उम्मीदवारों को टिकट दिए गए हैं, इनमें तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ कुल सात सांसदों को भी चुनाव मैदान में उतारा गया है।
कैलाश विजयवर्गीय जैसे कद्दावर भाजपाई को इंदौर की सीट से ताल ठोकनी है। चुनाव जीतने के साथ इस चुनाव को प्रतिष्ठा की लड़ाई भी माना जा रहा है। कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर प्रथम सीट से चुनाव जिताने की अपील करते हुए जनता से कहा है कि इस विधानसभा क्षेत्र का हर एक कार्यकर्ता कैलाश विजयवर्गीय है।
उम्मीदवार बनाए जाने के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि उन्हें चुनाव लड़ने की एक फीसद भी इच्छा नहीं थी। उन्होंने केवल रैलियों में शामिल होने और भाजपा के लिए प्रचार करने की योजना बनाई थी। पार्टी की तरफ से मिले सरप्राइज का जिक्र करते हुए कैलाश ने कहा, उन्हें अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि वे विधानसभा चुनाव लड़ने वाले हैं। खास बात ये भी है कि भाजपा ने इस बार उनके बेटे आकाश विजयवर्गीय को टिकट नहीं दिया है। कैलाश विजयवर्गीय ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कह, सभी को मिलकर इंदौर विधानसभा को एक नंबर बनाने का काम करना है।
#WATCH | On being named BJP candidate from Indore-1 assembly constituency for upcoming Madhya Pradesh polls, Kailash Vijayvargiya says, “I didn’t have even 1% wish to contest elections. I had only planned to attend public meetings…I still can’t believe I have been given a… pic.twitter.com/XClLauKzb7
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) September 27, 2023
कैलाश ने लोगों को भरोसा दिलाया कि वे जितना समय मिलेगा उसमें सभी लोगों का आशीर्वाद लेने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि वे चुनाव लड़ने के माइंडसेट में थे ही नहीं। उन्होंने पार्टी उम्मीदवारों के लिए हर दिन आठ सभाएं करने की योजना बनाई थी। अब उन्हें खुद के लिए प्रचार करना है। ये अलग अनुभव होगा। भले ही कैलाश के साथ-साथ एमपी की सियासत समझने वाले भाजपा के टिकट वितरण से सरप्राइज हैं, लेकिन इतना जरूर तय हो गया है कि इस बार के सियासी रण में केंद्रीय नेताओं-सांसदों को उतारे जाने से विधानसभा चुनाव की लड़ाई बेहद दिलचस्प हो चुकी है।