Madhya Pradesh समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आता जा रहा है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा ने कई सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। मध्य प्रदेश में बीजेपी की चुनाव समिति ने चौंकाते हुए कई सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों को भी विधानसभा चुनाव का टिकट दिया है।
इस सियासी घटनाक्रम पर कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा हार के डर से केंद्रीय नेताओं पर दांव लगाने के लिए मजबूर हो रही है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी भाजपा उम्मीदवारों की सूची पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा से तंग आ चुकी जनता मध्य प्रदेश में बदलाव का मूड बना चुकी है।
मध्य प्रदेश की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों पर दांव लगाने की संभावनाओं पर एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, मध्यप्रदेश में भाजपा की हार तय है। ऐसे में अब केंद्रीय मंत्री और सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी हो रही है। उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े योद्धाओं को भाजपा विधानसभा चुनाव में उतारने की तैयारी कर रही है, लेकिन जनता के साथ-साथ खुद भाजपा को भी पता है कि मध्य प्रदेश की सियासी बयार क्या संकेत दे रही है।
#WATCH | On BJP fielding a few Union Ministers as its candidates for Madhya Pradesh election, Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel says, “If those who were the Union Ministers and MPs are being fielded in Vidhan Sabha election, it means that the BJP is going to lose in Madhya Pradesh.… pic.twitter.com/kTwSWaZ0sw
— ANI (@ANI) September 26, 2023
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा पहले कांग्रेस मुक्त भारत की बात करती थी, लेकिन अब वे इस जुमले का इस्तेमाल नहीं करते। मुख्यमंत्री के अनुसार, बीजेपी को एहसास हो चुका है कि कांग्रेस पार्टी उनका सफाया कर रही है। कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश के बाद अब राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी भाजपा की विदाई तय है। उन्होंने कहा कि भाजपा, कांग्रेस और राहुल गांधी से डरी हुई है।
कांग्रेस के आत्मविश्वास का एक कारण राहुल गांधी की बिलासपुर रैली भी है, जहां न्याय सम्मेलन और मुख्यमंत्री आवास न्याय योजना के दौरान राहुल ने एक तरफ आवास योजना के लाभार्थी गरीबों के खातों में पैसे ट्रांसफर किए तो दूसरी तरफ, अरबपति गौतम अडानी का नाम लेकर भाजपा पर सीधा हमला बोला। उन्होंने केंद्र सरकार पर रिमोट कंट्रोल से संचालित होने और उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के आरोप भी लगाए।
राहुल के भाषण के दौरान सभा में मौजूद लोगों का उत्साह भी कांग्रेस के आत्मविश्वास का बड़ा कारण है। इसके बाद राहुल ने बिलासपुर से रायपुर लौटने के लिए अचानक ट्रेन से सफर करने का फैसला भी ले लिया। सोशल मीडिया पर इस सरप्राइज को भी अच्छी प्रतिक्रिया मिली।
इस साल के अंत में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का नतीजा चाहे कुछ भी हो, तीन प्रमुख राज्यों में भाजपा को कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिल रही है, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता। दो राज्यों में फिलहाल कांग्रेस की सरकारें हैं। मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार 15 महीने बाद दल-बदलू नेताओं के कारण गिरी थी। तमाम सियासी दांव-पेंच के बीच खुद प्रधानमंत्री भाजपा के प्रचार की कमान संभाल रहे हैं। कांग्रेस नेताओं के कॉन्फिडेंस को देखते हुए कहा जा सकता है कि भाजपा पूरी ताकत झोंकने के बाद भी कांग्रेस के सामने उन्नीस ही नजर आ रही है।