चंडीगढ़ कहते हैं पहला सुख निरोगी काया। इसी कहावत को चरितार्थ कर रही है मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रदेश सरकार। सरकार की बहुआयामी स्वास्थ्य योजनाओं से प्रदेश में जहां मेडिकल विश्वविद्यालयों, कालेजों कीं संख्या बढ़ी है। वहीं नागरिक अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक केंद्रों और आयुर्वेदिक होम्योपैथी व यूनानी संस्थाओं की संख्या में भी वृद्धि हुई है। वर्ष 2014 से अब तक 2807 चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती की गई है, जिससे प्रदेश के लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिला है।
हरियाणा देश का पहला राज्य है, जहां हेपेटाइटिस-सी व बी के मरीजों को दवाइयां मुफ्त दी जा रही हैं। मरीजों के लिए ई-संजीवनी ओ.पी.डी कारगर साबित हो रही है, जिससे उन्हें घर बैठे निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो रही है। मरीजों को नागरिक अस्पतालों में आवाजाही में दिक्कत न हो, इसका भी सरकार ने पूरा ख्याल रखा है। मरीजों के इलाज के लिए 59 मेडिकल मोबाइल यूनिट चालू कर रखी हैं, जिसका मरीज खूब फायदा ले रहे हैं। यही नहीं एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम में हरियाणा देश में प्रथम स्थान पर है।
प्रदेश सरकार ने मरीजों को भविष्य में असुविधा न हो इसके लिए भी योजना बनाई है। इसके तहत 144 भवनों का निर्माण किया जा रहा, जिनमें 48 उप-स्वास्थ्य केंद, 46 पी.एच.सी, 33 सी.एम.सी और 17 जिला नागरिक अस्पताल शामिल हैं।
सरकार की मुफ्त इलाज योजना मरीजों के लिए रामबाण
मनोहर सरकार ने लोगों के लिए मुख्यमंत्री इलाज योजना लागू की है। इसके तहत सात प्रकार की सेवाएं उपलब्ध हैं। मरीजों के लिए सर्जरी, प्रयोगशाला परीक्षण, निदान (एक्स-रे, ईसीजी और अल्ट्रासाउंड सेवाएं), ओपीडी/इनडोर सेवाएं, आवश्यक दवाएं, रेफरल परिवहन और दंत चिकित्सा उपचार निःशुल्क उपलब्ध है। हिमोफिलिया, थैलेसिमिया तथा कैंसर के मरीजों को हरियाणा राज्य परिवहन की बसों में मुफ्त यात्रा सुविधा दी गई है।
मरीजों की सुविधा के लिए आपात सेवा के लिए 610 एम्बुलेंस हर समय उपलब्ध हैं। सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में 544 दवाइयां, 257 उपभोग्य सामग्री तथा 88 डेन्टल आईटम मुफ्त उपलब्ध हैं। 17 जिला सिविल अस्पतालों में सिटी स्कैन, 22 सिविल अस्पतालों में हैमोडायलिसिस, 5 जिला सिविल अस्पतालों में एम.आर.आई और 4 केंद्रों पर कार्डियोलॉजी सेवाएं भी शुरू की गई हैं। अंबाला सिविल अस्पताल और अंबाला छावनी में कैंसर के इलाज के लिए अटल कैंसर देखभाल केंद्र शुरू किया गया है।
वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 13 सिविल अस्पतालों को 100 बिस्तरों वाले अस्पताल से 200 बिस्तरों वाले अस्पतालों में और अंबाला शहर के नागरिक अस्पताल को 200 बिस्तरों वाले अस्पताल से 300 बिस्तरों वाले अस्पताल में अपग्रेड किया गया है।
चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान में भविष्य की योजना
स्वास्थ्य के साथ-साथ चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान क्षेत्र को भी सुदृढ़ करने के लिए सरकार प्रयासरत है। कुटैल, करनाल में 761.51 करोड़ रुपये की लागत से पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय निर्माणाधीन है। बाढ़सा, झज्जर में 2035 करोड़ रुपये की लागत से 710 बिस्तरों का राष्ट्रीय कैंसर संस्थान शुरू। कल्पना चावला राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, करनाल फेज-2 का निर्माण 373.25 करोड़ रुपये की लागत से शुरू किया गया है। 172.65 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से शहीद हसन खान मेवाती सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय नल्हड़, नूंह परिसर में एक दंत महाविद्यालय स्थापित किया गया है। भिवानी में 535.55 करोड़ रुपये, गांव हैबतपुर, जिला जींद में 663.86 करोड़ रुपये, गुरुग्राम में 500 करोड़ रुपये, कोरियावास, जिला नारनौल में 598 करोड़ रुपये, कैथल में 935 करोड़ रुपये, सिरसा में 1010.37 करोड़ रुपये और यमुनानगर में 1122.71 करोड़ रुपये की लागत से मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का कार्य चालू है।
पंचकूला, पलवल, फतेहाबाद, चरखी दादरी में भी राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय प्रक्रियाधीन है। सफीदों, जिला जींद में सरकारी नर्सिंग कॉलेज शुरू व इसके भवन का निर्माण जारी। कैथल, कुरुक्षेत्र, रेवाड़ी, पंचकूला में एक-एक व फरीदाबाद में 2 सरकारी नर्सिंग कॉलेज का निर्माण कार्य 194.30 करोड़ रुपये की लागत से काम चल रहा है।
सरकार ने आयुष को बढ़ावा देने के लिए ये किए प्रयास
मनोहर सरकार ने योग को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा योग आयोग स्थापित किया है। देश का पहला आयुष विश्वविद्यालय, श्री कृष्णा आयुष विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र में स्थापित किया है। गांव देवरखाना, जिला झज्जर में योग, प्राकृतिक चिकित्सा, शिक्षा एवं अनुसंधान स्नातकोत्तर संस्थान स्थापित कर दिया है। यहां पर ओ.पी.डी सेवा शुरू हो गई है।
इसके अलावा, पट्टीकरां, नारनौल में बाबा खेतानाथ राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज व अस्पताल स्थापित तथा ओ.पी.डी. व आई.पी.डी. की सुविधा शुरू की गई है। माता मनसा देवी, पंचकूला में लगभग 20 एकड़ भूमि पर लगभग 270 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान निर्माणाधीन है। प्रदेश का पहला 60 बिस्तरों व 60 सीटों वाला राजकीय यूनानी महाविद्यालय एवं अस्पताल गांव अकेड़ा जिला नूंह में 45.43 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन है। चान्दपुरा, अंबाला में 55.85 करोड़ रुपये की लागत से राजकीय होम्योपैथिक कालेज एवं अस्पताल निर्माणाधीन है। मयड़, हिसार में 10.85 करोड़ रुपये की लागत से 50 बिस्तरों का इंटीग्रेटिड आयुष अस्पताल निर्माणाधीन है। 17 जिलों में पंचकर्मा केन्द्रों पर पंचकर्मा की सुविधा है।
क्रमांक-2023