अलख हरियाणा न्यूज || रोहतक || हरियाणा सूबे के रोहतक जिले में डीसी के कड़े आदेशों की पालना अधिकारी बिलकुल भी नहीं करते हैं शायद। अधिकारी, डीसी के आदेशों को एक कान से सुनते हैं और दूसरे से निकाल देते हैं और अपने पारम्परिक सरकारी ढुलमुल रवैये के अनुसार काम करते हैं। बीते पांच दिन पहले डीसी ने शहर में बरसाती पानी भर जाने की वजह से लोगों को हुई परेशानी के चलते अधिकारियों की आपातकालीन बैठक ली थी। बैठक में डीसी ने क्लास लेते हुए दो टूक कहा था कि आगामी बरसात के पानी की निकासी तत्काल होनी चाहिए। शहर में कही भी पानी जमा नहीं होना चाहिए। सभी मेनहोल के ढक्कन ढके हुए होने चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है और इनकी वजह कोई हादसा हो गया तो संबंधित विभाग के अधिकारी पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज होगा। बावजूद इसके किसी के कानो पर जूं नहीं रेंगी। बीते गुरूवार को रोहतक में बरसात हुई तो सच एक बार सबके सामने आ गया । एक और जहां पूरे शहर में जल भराव की स्थिति बन गई है, वहीं दूसरी ओर एक बारात बरसाती पानी में फंस गई। दूल्हा घोड़ी पर था, भरे पानी में से ही मजबूरन दुल्हन के दरवाजे तक पहुँच सका।
दूल्हे के भाई अनिल ने बताया कि रोहतक शहर मे बारिश होने से आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आज बारिश के पानी में ही दूल्हे को घोड़ी पर अपनी बारात निकाली पड़ी और काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा , दूल्हे की फॅमिली ने जलभराव के लिए प्रशासन को जिम्मेदारठहराया है। अनिल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा हो या वर्तमान के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर दोनों रोहतक से ही आते हैं लेकिन शहरवासियों को जलभराव की समस्या से इस सीजन में हर बार दो चार होना पड़ता है।
वहीं, इस बारे में डीसी कैप्टन मनोज कुमार ने फिर से अपना बयान दोहरा हुए कहा कि कि अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दे दी गई थी। फिर भी कोई कोताही करेगा, तो उसका परिणाम वह खुद ही भुगतेगा। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।