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86 बरस के OP चौटाला, क्या देवीलाल जयंती पर डूबती इनेलो को तैराने में होंगे कामयाब ?

OP Chautala, 86, will be able to swim the drowning INLD on Devilal Jayanti?

अलख हरियाणा न्यूज़ || 25 सितंबर को चौ० देवीलाल की जयंती है , इस दिन को इनेलो हर साल सम्मान दिवस के रूप में मनाती आ रही है। जब इनेलो की दो फाड़ नहीं हुई थी तो यह कार्यक्रम बहुत बड़ी रैली के रूप में मनाया जाता रहा था पंरतु चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के जेल जाने और जेजेपी के रूप में अलग होने से शक्ति कम हुई है । वैसे तो ताऊ देवीलाल को भारत में बड़ी रैलियों के जनक रूप में देखा जा सकता है। वहीं उनके द्वारा अपनी रैलियों में देशभर के नेताओं को एक मंच पर इकट्ठा कर वो अपनी सियासी ताक़त का अहसास कराते रहते थे। उनके बाद इनेलो ने ओमप्रकाश चौटाला के नेतृत्व में इस रवायत को क़ायम तो रखा लेकिन चौधरी देवीलाल वाला जलवा बरकरार रखने में नाकामयाब रही ।
हरियाणा की विधानसभा से अभय सिंह चौटाला के द्वारा इस्तीफा देने के बाद इनेलो शून्य पर है। इनेलो के टूटने के बाद ये इनेलो की अब तक की सबसे बुरी स्थिति है। इनेलो हाशिये पर है। बावजूद इसके 25 सितंबर को चौ० देवीलाल की जयंती पर इनेलो अपना दमखम दिखाने की जुगत में है। अब की बार ये दिन कई मायने में खास होगा। इनेलो पार्टी के सर्वेसर्वा चौधरी ओमप्रकाश चौटाला अपनी सजा पूरी करने के बाद आजाद हो चुके हैं, ऐसे में चौटाला “अभी नहीं तो कभी नहीं” वाला प्रयास करेंगे। दूसरी खास बात ये रहने वाली है कि ऐसा भी पहली दफा होने जा रहा है जब इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला गैर कांग्रेसी ताक़तों की बजाए ग़ैर भाजपा ताक़तों का शक्ति परीक्षण करेंगे। एक जमाने में भाजपा के सहयोगी दल रहे इनेलो देशभर के दिग्गज सियासी सूरमाओं के साथ इस रैली में भाजपा के ख़िलाफ़ हुंकार भरेंगे।

https://www.youtube.com/watch?v=nrLtlWpytSs


86 बरस के जवान नेता चौधरी ओमप्रकाश चौटाला की अगुवाई में इनेलो हरियाणा में अपनी खोई ज़मीन को पाने के लिए ज़ोर लगा रही है। वहीं राष्ट्रीय राजनीति में भी अपने दखल के प्रयास में है सूत्र बताते हैं कि 25 सितंबर को होने वाली जींद रैली में देश बड़े दिग्गज नेताओं के शिरकत करने की संभावना है जिनमें मुख्य रूप से पूर्व प्रधानमंत्री एच ०डी ० देवगौड़ा, पंजाब के पूर्व सीएम सरदार प्रकाश सिंह बादल, यूपी के पूर्व सीएम व पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री मुलायम सिंह यादव, पूर्व सीएम व पूर्व केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला मुख्यतौर इस कार्यक्रम का हिस्सा होंगे। ये सभी नेता भले ही अपनी अपनी उम्र के अखरी पड़ाव में हो लेकिन सियासी तजुर्बा व निजी रसूख़ के दम पर बड़े गठजोड़ की क़ाबिलियत रखते हैं । किसान आंदोलन से देश के सबसे प्रभावी क्षेत्र में और बहुत बड़े किसान नेता नाम पर होने वाली रैली क्या राजनीतिक समीकरण बनाएगी ? ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। फिलहाल हरियाणा में हुक्के पीते हुए लोग इनेलो रैली के चर्चे और चौटाला के दमखम को लेकर खूब चर्चा करते दिखाई दे रहे हैं। ( लेखक _डॉ जोगिंद्र मोर)

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