जींद।किसान आंदोलन को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। जींद में दातासिंह वाला बॉर्डर पर पुलिस तथा किसानों के बीच टकराव हो गया। यहां पंजाब की तरफ से किसान बॉर्डर की तरफ बढ़ने लगे तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन से पानी की बौछार शुरू कर दी। इस घमासान में दातासिंह वाला बॉर्डर पर दो किसानों की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई। जानकारी के अनुसार किसान को माथे में गोली लगी है। इस दौरान काफी किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उनको हरियाणा की तरफ ले आई है। काफी देर तक किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया।काफी किसान खेतों के रास्ते से बॉर्डर को पार करने की तैयारी कर रहे थे, जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। मृतक किसान खनौरी का बताया जा रहा है। किसान जेसीबी के माध्यम से बॉर्डर पर लगे अवरोधक को हटाने की कोशिश कर रहे हैं।
हरियाणा-पंजाब के दातासिंहवाला-खनौरी बॉर्डर पर जमा किसानों ने एक बजे तक टकराव को टाल दिया था। एक बजे के आसपास किसान बॉर्डर की तरफ बढ़ने लगे तो पुलिस ने आसू गैस गोले दाग दिए। इसमें एक दर्जन के आसपास किसान घायल हो गए। खनौरी बॉर्डर पर भारी पुलिस फोर्स तैनात है। किसान भी ट्रैक्टरों के अलावा जेसीबी व पोकलेन मशीनें लेकर पहुंच रहे हैं।किसान किसी भी सूरत में पीछे हटने काे तैयार नहीं हैं। दूसरी तरफ जींद-पटियाला हाईवे पर किसानों ने उचाना में भी पक्का मोर्चा शुरू कर दिया है। पंजाब के किसानों को हर मदद का ऐलान किया गया है। खटकड़ टोल प्लाजा को भी वाहनों के लिए फ्री किया जा चुका है।
अंबाला में पुलिस और किसान आमने-सामने
अंबाला पुलिस की तरफ से किसानों को रोकने के लिए पूरी तैयारियां हैं। तीन ड्रोन उड़ाए जा रहे हैं। शंभू सीमा पर दोनों तरफ के बैरिकेडिंग पर पोकलेन मशीनें तैनात हैं। वहीं, पुलिस फोर्स के पास अत्याधुनिक आंसू गैस के गोले दागने वाले हथियार हैं, जिनकी मारक क्षमता काफी पीछे तक है। किसानों को बार-बार चेतावनी दी जा रही है।
भिवानी में बीजेपी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन
पंजाब के किसानों का दिल्ली कूच के समर्थन में भिवानी में संयुक्त किसान मोर्चा सहित विभिन्न ट्रेड यूनियन संगठनों ने तोशाम बाईपास स्थित बीजेपी कार्यालय का घेराव करने की कोशिश की वहीं किसानों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान भारी पुलिस बल भी तैनात रहा। किसान संगठन प्रतिनिधियों ने बीजेपी कार्यालय के समीप ही अपना रोष जताया और किसानों पर अत्याचार बंद किए जाने और उनकी मांग पूरी किए जाने की मांग रखी।वहीं इस दौरान पुलिस ने किसान संगठनों को बीजेपी कार्यालय की तरफ आगे नहीं बढ़ने दिया। वहीं किसान संगठनों ने भी चेतावनी दी कि अगर किसानों के प्रति सरकार का इसी तरह रवैया रहा तो वे आंदोलन में कूद पड़ेंगे और सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर देंगे।