हरियाणा में युवाओं का सरकारी नौकरी पाने का स्वप्न पूरा होने जा रहा है। इस बारे में मुख्यमंत्री नायब सिंह ने बड़ी खुशखबरी जारी करते हुए कहा कि अगले 2 माह में 50 हजार अतिरिक्त नौकरियां दी जाएंगी। इसके लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग जल्द ही भर्ती प्रक्रिया आरंभ कर देगा और अगले सप्ताह तक पूरा कैलेंडर प्रदेश के सामने जारी कर दिया जाएगा। इससे युवाओं के सरकारी नौकरी का स्वपन साकार होगा। आगे भी हमारी सरकार द्वारा बिना पर्ची-खर्ची केवल मेरिट पर भर्तियां की जाएँगी।
बता दें कि मुख्यमंत्री सोमवार शाम को प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों में गरीब परिवारों के बच्चों को दिए जाने वाले सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंकों पर मुख्यमंत्री नायब सिंह ने कहा कि हमारी सरकार गरीबों के साथ खड़ी है और इन मानदंडों का आधार सरकारी नौकरी के माध्यम से अंत्योदय उत्थान है। उनके हक के लिए हम हर संभव क़ानूनी कदम उठाएंगे और जरुरत पड़ी तो विधानसभा में विधेयक भी लाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि ग्रुप-सी व ग्रुप-डी के पदों पर जिन अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो चुकी है, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है, सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से सीईटी परीक्षा पर कोई सवालिया निशान नहीं लगा है। निति अनुसार सीईटी रिजल्ट 3 वर्षों के लिए मान्य है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने हरियाणा सरकार के सामाजिक-आर्थिक आधार पर 5 अंक के प्रावधान की स्वयं ही सराहना भी की थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता इस संबंध में ओछी राजनीति करते हैं और उलटी बयानबाजी करके झूठ और भ्रम फैला कर युवाओं को गुमराह कर रहे हैं। जबकि हमारी सरकार ने पिछले साढ़े 9 सालों में 1 लाख 32 हजार युवाओं को नौकरियां दी हैं।
उन्होंने कहा कि सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंकों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज दिए गए निर्णय से सीईटी के फर्स्ट स्टेज एग्जाम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। ग्रुप-सी के चयनित लगभग 12 हजार उम्मीदवारों को भर्ती को बचाने के लिए हमारी सरकार पुर्नविचार याचिका के माध्यम से उच्च न्यायालय के सामने वास्तविक स्थिति रखकर उनकी दोबारा परीक्षा देने की जरूरत न पड़े, इसके लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है।