हरियाणा सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों को बड़ी राहत देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की है। अब सड़क हादसों में घायलों को सरकार ₹1.5 लाख तक का मुफ्त इलाज प्रदान करेगी। यह योजना सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत शुरू की गई है, और हरियाणा पुलिस ने इसे लागू करने के लिए कदम उठाए हैं।
इस योजना के तहत, सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले व्यक्तियों को दुर्घटना की तिथि से सात दिनों तक ₹1.5 लाख तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। इस संबंध में हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) हरदीप दून ने सभी संबंधित अधिकारियों और जिलों को इसकी सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं।
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि राज्य की सड़कों को आम लोगों के लिए सुरक्षित बनाना सरकार की प्राथमिकता है, और इसके लिए दुर्घटनाओं को कम करने के लिए प्रभावी योजनाएं बनाई जा रही हैं। इस मुफ्त इलाज की योजना का उद्देश्य सड़कों पर सुरक्षा बढ़ाना है, और यह एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा लागू किया जाएगा, जिसमें स्थानीय पुलिस और राज्य स्वास्थ्य विभाग मिलकर काम करेंगे।
कैशलैस इलाज प्रक्रिया:
इस योजना के तहत, सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाया जाएगा, जहां अस्पताल प्रशासन उस व्यक्ति का डेटा अपने सिस्टम में अपलोड करेगा। इसके बाद, संबंधित पुलिस थाने में भेजा जाएगा और पुलिस थाने द्वारा छह घंटे के भीतर पुष्टि की जाएगी कि घायल व्यक्ति सड़क दुर्घटना का शिकार हुआ है या नहीं। पुष्टि होने के बाद, घायल व्यक्ति को ₹1.5 लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाएगी।
सड़क सुरक्षा को लेकर कदम:
शत्रुजीत कपूर ने यह भी बताया कि हरियाणा पुलिस सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए कई अहम पहलुओं पर काम कर रही है। 2024 में, राज्य में 616 सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है, जबकि 2023 के मुकाबले 251 सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु और 403 लोगों की घायल होने की संख्या में भी कमी आई है।
जनवरी 2024 से लेकर नवंबर 2024 तक, हरियाणा पुलिस ने 2,166 सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियानों का आयोजन किया, जिसमें 2,91,307 लोग शामिल हुए। इसके अलावा, विशेष अभियान चलाए गए, जिनमें से पांच अभियान लेन ड्राइविंग और एक अभियान ब्लैक फिल्म वाली गाड़ियों के खिलाफ था। इन अभियानों के दौरान, 27,321 वाहनों के चालान किए गए, जिनमें से 2,600 चालान ब्लैक फिल्म वाली गाड़ियों के थे।
दुर्घटना-प्रवण क्षेत्रों पर ध्यान:
राज्य में उन ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की गई है जहां सड़क दुर्घटनाएं अधिक होती हैं। इन ब्लैक स्पॉट्स को संबंधित सड़क इंजीनियरिंग विभागों के साथ मिलकर सुधारने का काम किया जा रहा है। साथ ही, विभिन्न जिलों में सड़क सुरक्षा समितियों का गठन किया गया है, जो नियमित बैठकें आयोजित कर सड़क सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा करती हैं। अक्टूबर 2024 तक 107 बैठकें आयोजित की गईं हैं, जिनकी अध्यक्षता संबंधित जिलों के उपायुक्तों ने की है।
वाहन सुरक्षा पर ध्यान:
2024 में 19,261 स्कूल बसों की चेकिंग की गई, जिनमें से 4,657 बसों को अनियमितता पाए जाने पर चालान किया गया। इसके अलावा, राज्य के 66 टोल प्लाजाओं पर “वे-इन-मोशन” मशीनें लगाई जा रही हैं, जिनसे ओवरलोडेड वाहनों का चालान किया जा रहा है। 54 टोल प्लाजाओं पर यह मशीनें पहले ही लगाई जा चुकी हैं।
सार्वजनिक अपील:
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने जनता से अपील की कि सड़क सुरक्षा एक सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे वाहन चलाते समय निर्धारित गति सीमा का पालन करें और मोबाइल फोन का उपयोग न करें। उन्होंने कहा कि छोटी सी लापरवाही न केवल आपके लिए बल्कि दूसरों के लिए भी खतरे की वजह बन सकती है। हरियाणा पुलिस सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं और गतिविधियां आयोजित करती रहती है।
समाप्ति में, यह सड़क सुरक्षा अभियान एक साझा जिम्मेदारी है और हरियाणा सरकार की यह नई पहल दुर्घटना के शिकार हुए व्यक्तियों को त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान करने के साथ-साथ सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे कदमों का हिस्सा है। Haryana government’s big announcement, free treatment for those injured in road accidents