Haryana News : हरियाणा में एक पत्नी द्वारा अपने पति से लम्बे समय तक संबंध न बनाने के चलते हाईकोर्ट ने तलाक पर मुहर लगा दी। इस मामले को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि शारीरिक रूप से अक्षम होने या किसी अन्य वैध कारण के बिना लंबे समय तक संबंध न बनाना पति के प्रति पत्नी की मानसिक क्रूरता है। कोर्ट ने कहा इस क्रूरता के लिए पति तलाक का हकदार है।
हरियाणा निवासी याची ने बताया कि उसका विवाह 1999 में हुआ था और इसके बाद दोनों के बीच रिश्ते बिगड़ने लगे। 2016 में याची के पति ने फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए आवेदन कर दिया था। जिसके बाद पत्नी ने याचिका दाखिल करते फैमिली कोर्ट के तलाक के आदेश को चुनौती दी थी। याची ने बताया कि वह अपने पति से अलग अपनी दो बेटियों के साथ 2016 से रह रही है। इस पर याची के पति ने बताया कि याची एक धार्मिक समूह का हिस्सा बन चुकी है और लंबे समय से उनके बीच संबंध भी नहीं बने हैं।
हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि दंपती में यदि एक लंबे समय तक शारीरिक संबंध बनाने से इन्कार करता है तो वह दूसरे के प्रति मानसिक क्रूरता की श्रेणी में आता है।मानसिक क्रूरता केवल तब नहीं मानी जा सकती है जब संबंध बनाने से इन्कार करने वाला साथी शारीरिक रूप से सक्षम न हो या फिर उसके पास ऐसा करने के लिए कोई वैध कारण हो। इस मामले में दंपती लंबे समय से अलग-अलग रह रहे हैं और उनके रिश्तों में सुधार की कोई संभावना नहीं है। ऐसे में फैमिली कोर्ट ने तलाक का आदेश जारी करते हुए कोई गलती नहीं की है। इन टिप्पणियों के साथ ही हाईकोर्ट ने पत्नी की याचिका को खारिज करते हुए तलाक के आदेश पर मुहर लगा दी।