नई दिल्ली/प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स (CCPA) की बैठक में केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए आगामी जनगणना के साथ जाति जनगणना कराने की घोषणा की है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस को बताया कि “यह कदम सामाजिक न्याय को मजबूती देने और समावेशी नीतियों के लिए ज़रूरी है।”
🧾 राज्यों के आंकड़ों से मिली प्रेरणा
बिहार, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों द्वारा कराए गए जाति सर्वेक्षणों का अध्ययन करने के बाद यह निर्णय लिया गया। हालांकि केंद्र ने इन राज्यों की पद्धति को “अवैज्ञानिक” बताया, लेकिन यह स्वीकार किया कि ऐसे डेटा सामाजिक योजना निर्माण में सहायक हो सकते हैं।
🗣️ राहुल गांधी का समर्थन और सवाल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा, “जातिगत जनगणना सामाजिक न्याय की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम है,” लेकिन साथ ही सरकार के सामने चार प्रमुख मांगें भी रखीं:
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जाति जनगणना की साफ-सुथरी टाइमलाइन घोषित की जाए।
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तेलंगाना मॉडल को अपनाने की सलाह दी।
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50% आरक्षण सीमा खत्म करने की मांग।
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निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू करने की अपील।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार को इस प्रक्रिया में “पूरा सहयोग” देगी और सामाजिक न्याय के मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं करेगी।
🛣️ हाईवे, गन्ना किसानों के लिए भी फैसले
कैबिनेट बैठक में मेघालय और असम को जोड़ने वाले 166.8 किमी लंबे हाईवे कॉरिडोर को मंजूरी दी गई, जिसकी लागत ₹22,864 करोड़ होगी। साथ ही, गन्ना किसानों को राहत देते हुए नए सीजन के लिए गन्ने का FRP ₹355 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। Modi government, caste census, Rahul Gandhi, caste enumeration, CCPA meeting, Indian politics, social justice, caste-based reservation, census 2025, Telangana model, caste data, reservation cap, private sector reservation, Ashwini Vaishnaw, Congress support, political news India, breaking news, central government decisions