अबॉर्शन के लिए भर्ती हुई महिला, नसबंदी कर दी
हरियाणा के नूंह जिले के तावडू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में बड़ा लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां अबॉर्शन कराने गई महिला की डॉक्टरों ने बिना बताए नसबंदी कर दी। दरअसल महिला के गर्भ में पल रहा 2 माह का बच्चा खराब हो गया था, जिस कारण वह अबॉर्शन करवाने अस्पताल पहुंची थी। लेकिन भर्ती करने के बाद डॉक्टरों ने नसबंदी कर दी।
होश आने पर महिला को हुआ सच का पता
जब महिला को ऑपरेशन के बाद होश आया, तो उसे डॉक्टरों ने ही जानकारी दी कि उसकी नसबंदी कर दी गई है। इसके बाद उसने तुरंत अपने परिजनों को बताया। जानकारी मिलते ही परिवारजन अस्पताल पहुंचे और वहां जमकर हंगामा किया।
डॉक्टरों ने मानी गलती, बोला- टारगेट पूरा करना था
परिजनों के विरोध के बाद डॉक्टरों ने स्वीकार किया कि यह उनकी गलती थी और उन्होंने फैमिली प्लानिंग का टारगेट पूरा करने के लिए महिला की नसबंदी की है। उन्होंने परिजनों से कहा कि 3 महीने बाद फिर से ऑपरेशन करके नसबंदी खोली जाएगी।
परिजन अस्पताल-दर-अस्पताल भटके
परिवारजन महिला को पहले नल्हड़ मेडिकल कॉलेज लेकर गए, लेकिन डॉक्टरों ने खून की कमी का हवाला देकर नसबंदी खोलने से मना कर दिया। इसके बाद वे अल-आफिया अस्पताल, मांडीखेड़ा भी गए, लेकिन वहां भी निराशा ही हाथ लगी। डॉक्टरों ने साफ कहा कि अभी नसबंदी नहीं खोली जा सकती।
परिजनों का आरोप – “हमारे घर का ताला लगा दिया”
महिला की पहले से एक बेटी है। परिजनों का कहना है कि बेटे की आस अधूरी रह गई और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही ने उनके परिवार का भविष्य अंधकारमय कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि डॉक्टर अपनी गलती छिपाने के लिए उन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भटकाते रहे।
फिर से हंगामा, 3 घंटे चली बातचीत
बुधवार को परिजन दोबारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तावडू पहुंचे और हंगामा किया। मामला बढ़ा तो प्रवर चिकित्सा अधिकारी (SMO) निहाल सोलंकी ने उन्हें अंदर बुलाकर करीब 3 घंटे तक बातचीत की। अंत में उन्होंने लिखित आश्वासन दिया कि 3 महीने बाद महिला की नसबंदी अपनी जिम्मेदारी पर खोली जाएगी और इसमें परिवार का कोई खर्च नहीं होगा।
हालांकि, परिजनों ने डॉक्टरों से लिखित में यह स्वीकार करने की मांग की कि नसबंदी उनकी लापरवाही से हुई है, लेकिन अधिकारियों ने इस बात को लिखने से साफ इनकार कर दिया।
स्वास्थ्य विभाग पर सवाल
यह मामला सामने आने के बाद पूरे नूंह जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर बिना महिला की सहमति लिए इस तरह गंभीर ऑपरेशन कैसे किया जा सकता है।