पंचकूला की शांत शाम अचानक सन्नाटे में बदल गई जब सेक्टर-27 से एक दर्दनाक खबर सामने आई। देहरादून से आए एक ही परिवार के 7 लोगों ने एक साथ जहर खाकर आत्महत्या कर ली। मरने वालों में पति-पत्नी, उनके तीन बच्चे और माता-पिता शामिल हैं। यह परिवार बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री की कथा में शामिल होने के लिए पंचकूला आया था, लेकिन कथा के बाद उन्होंने अपनी कार में ही ज़हर खाकर जीवन समाप्त कर लिया।
🧾 सुसाइड नोट में लिखा: “मैं बैंक से करप्ट हो चुका हूं, मेरी वजह से सब हुआ”
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। कार की जांच करने पर दो पन्नों का सुसाइड नोट मिला। इसमें लिखा था:
“मैं बैंक से करप्ट हो चुका हूं। मेरी वजह से ही यह सब कुछ हुआ है। मेरे ससुर को कुछ मत कहना। अंतिम संस्कार समेत जितनी भी रस्में होंगी वो मामा का लड़का निभाएगा।”
इस सुसाइड नोट से यह स्पष्ट है कि आत्महत्या का कारण कर्ज और आर्थिक तंगी था।
🚗 कार में ली अंतिम सांस: कथा से लौटकर होटल न मिलने पर गाड़ी में ही रुका था परिवार
जानकारी के मुताबिक देहरादून निवासी प्रवीण मित्तल अपने परिवार के साथ पंचकूला में बाबा धीरेंद्र शास्त्री की कथा में शामिल होने आए थे। कथित रूप से होटल न मिलने पर सभी लोग रात गाड़ी में ही बिताने लगे। कार में ही सबने ज़हर खा लिया। घटनास्थल पर पहुंचने पर केवल प्रवीण मित्तल जिंदा थे लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले उन्होंने भी दम तोड़ दिया।
👁️🗨️ प्रत्यक्षदर्शियों की आंखों देखी – कैसे मिला परिवार?
सेक्टर 27 में रहने वाले हर्ष ने बताया कि रात करीब 10:30 बजे उनके मकान मालिक ने घर के बाहर खड़ी हुंडई ऑरा गाड़ी को संदिग्ध स्थिति में देखा। कार के भीतर देखने पर कई लोग बेसुध पड़े थे। बुलाने पर हर्ष व अन्य लोग पहुंचे। ड्राइवर सीट पर प्रवीण मित्तल अभी सांस ले रहे थे। उन्हें कांपता हुआ पाया गया और पानी पिलाने की कोशिश की गई। बाकियों ने उल्टियां की हुई थीं।
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सामने सीट पर बुजुर्ग मां थीं, जिनके पैरों के पास प्रवीण का बेटा मृत पड़ा था।
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पीछे की सीट पर प्रवीण की पत्नी, पिता और दो बेटियां मृत अवस्था में थीं।
हर्ष के अनुसार, प्रवीण ने बताया कि वे कर्ज में डूबे हुए हैं और पूरा परिवार आत्महत्या कर चुका है।
🚨 112 पर कॉल के बाद पुलिस और DCP मौके पर पहुंचे
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस को सूचना दी गई। DCP हिमाद्री कौशिक समेत सीनियर अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने मृतकों के शव पंचकूला अस्पताल में पहुंचाए और कार को कब्जे में लिया।
DCP कौशिक ने बताया:
“मृतकों की पहचान कर ली गई है। परिवार मूलतः उत्तराखंड के देहरादून का रहने वाला है। आत्महत्या के पीछे आर्थिक तंगी और कर्ज मुख्य कारण नजर आ रहा है। मामले की गहराई से जांच की जा रही है।”
📉 प्रवीण मित्तल का बैकग्राउंड: बिजनेस में घाटा, बढ़ते कर्ज से जीवन थम गया
पुलिस के अनुसार, प्रवीण मित्तल ने कुछ समय पहले देहरादून में टूर एंड ट्रैवल्स का व्यवसाय शुरू किया था, लेकिन घाटा होने के बाद वे कर्ज में डूबते चले गए। आर्थिक हालात इतने बिगड़ गए कि परिवार की जरूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही थीं।
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तीनों बच्चे चंडीगढ़ के मॉडल स्कूल (सेक्टर 28-डी) में पढ़ते थे।
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बच्चों की उम्र 10 से 15 वर्ष के बीच थी।
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परिवार इतने तनाव में था कि यह आत्मघाती कदम उठा लिया।
💔 मानवता को झकझोर देने वाली घटना: सवाल छोड़ गया यह परिवार
एक धार्मिक कथा में शांति और समाधान की तलाश में आया यह परिवार अपनी टूटती उम्मीदों और कर्ज के बोझ के नीचे दबकर हमेशा के लिए शांत हो गया। इस घटना ने समाज को एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव किस हद तक इंसान को तोड़ सकता है।
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