चंडीगढ़।चंडीगढ़ मेयर चुनाव के लिए पक्ष -विपक्ष में सियासत गरमाई हुई है। बता दें कि चंडीगढ़ के जिलाधीश विनय प्रताप सिंह अधिसूचना जारी कर निर्देश दिया है कि अधिनियम की धारा 38 के प्रावधानों के अनुसार नगर निगम के महापौर, वरिष्ठ उप महापौर और उप महापौर चुनने के लिए 30 जनवरी को सुबह 10 बजे नगर निगम के विधानसभा हॉल में चुनाव अधिकारी अनिल मसीह की देखरेख में चुनाव होगा। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के निर्देश पर कानूनी दायित्वों की पूर्ति और चुनाव प्रक्रिया के पारदर्शी संचालन को सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं। बता दें कि नगर निगम चंडीगढ़ के मेयर के चुनाव को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने 30 जनवरी को चुनाव करवाने की तिथि निर्धारित की है।
चंडीगढ़ आप नेता
चंडीगढ़ आम आदमी पार्टी के सह-प्रभारी डॉ. सन्नी अहलूवालिया ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। ऐसे में उन्होंने कहा के बीजेपी की गलत नीतियों के कारण से मेयर चुनाव में देरी हुई है। 18 जनवरी के बाद जो हुआ वह सिर्फ लोकतंत्र को बचाने में यह फैसला था, जिसके चलते आम आदमी पार्टी ने हाई कोर्ट का रुख किया था। इस बार का मेयर आम आदमी पार्टी का ही बनेगी। अगर बीजेपी का मेयर बन रहा होता तो वह चुनाव में इतनी देरी न करवाते।
अगर बीजेपी इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में भी ले जाना चाहती है तो हम वहां तक भी जाने के लिए तैयार हैं। चंडीगढ़ में जो गठबंधन किया गया है, वह सिर्फ मेयर चुनाव के लिए ही किया गया। गठबंधन जो पहले हुआ था और जो अब किया गया है। फिलहाल चंडीगढ़ में जो गठबंधन हुआ है हम उस फैसले को लेकर अटल हैं। यह भी साफ है कि चंडीगढ़ का मेयर आम आदमी पार्टी का बनेगा और डिप्टी मेयर कांग्रेस पार्टी का बनेगा। फिलहाल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का जो गठबंधन किया गया है वह सिर्फ मेयर चुनाव के लिए ही हुआ है. अभी लोकसभा चुनाव में सीटों के लिए कुछ कहना मुश्किल होगा।
चंडीगढ़ बीजेपी पूर्व अध्यक्ष अरुण सूद
चंडीगढ़ बीजेपी पूर्व अध्यक्ष अरुण सूद ने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए दीवार पर लिखा हुआ है, इस बार भी चंडीगढ़ मेयर बीजेपी का बनेगा। जैसे आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अपने पार्षदों को छुपा कर रख रही है, यह उनके मानवीय अधिकार को छीनने का प्रयास है। कांग्रेस के पार्षद जसबीर बंटी अपना नामांकन वापस नहीं करना चाहते थे। लेकिन, कांग्रेस और आप के नेताओं द्वारा उनपर दबाव बनाया गया है। आप-कांग्रेस को डर नहीं है तो क्यों अपने पार्षदों को पंजाब में छुपा रखा है। इससे पहले पूरे पंजाब के कमांडो ने एमसी दफ्तर को घेर लिया था।